सुना था आज होते देख लिया इसे चमत्कार कहू या लोगों की आस्था
बगड़ में चंद्रनाथ जी आश्रम के पीछे मनियरो की कब्रो में एक बाबा का दरबार है जिनको बगड़ वासी बुंदिया बाबा के नाम से ही जानते है वैसे इनका नाम अलिशहीद बाबा है इनका इतिहास कई सौ सालो पुराना बताया जाता है वो एक सिद्ध पुरुष फकीर बाबा थे उनकी कही सब बातें सच होती थी उनका देहांत हुवा ओर उनकी समाधि या मज़ार उसी कब्रगाह में बनी हुई है। लोगों का ऐसा मानना है जब पुराने जमाने मे बारीश नही होती थी तो गाव के लोग इकट्ठा होकर बाबा की मजार पर खिचड़ा ओर मीठे चावल बनाकर बाटते थे ऐसा बताया जाता है जब तक वो कड़ाई खत्म होती यानी लोग खीचड़ा या चावल खाते उससे पहले पहले बरसात आ जाती थी और लोग हाथ ओर चलु उस बरसात से ही धोते ओर करते थे ऐसे सिद्ध पुरुष थे बाबा कालांतर में वह मीठे चावल बाटे जाने लगे और बाबा को बुंदिये बहुत पसंद थे इसलिए बाद में बुंदिये बाटे जाने लगे। अब तो काफी सालो से सब कुछ बन्द ही था।लोग जैसे उन्हें भूल ही गए थे।
इन दिनों बारिश न होने की वजह से बगड़ ओर आस पास के इलाके की फसलें नष्ट हो रही थी तो मार्किट में बैठे बैठे यू ही बारिश की चर्चा चल रही थी तो मुझे उनके चमत्कार के बारे में पता चला मैन सोचा नेकी ओर पूछ पूछ क्यो न बाबा को ही याद किया जाए ताकि सुख रही व बर्बाद हो रही फ़सलो को बचाया जा सके और बाबा के चमत्कार की आजमाइस भी हो जाये तो मैंने मार्केट में प्रपोजल रख दिया और तुरन्त 11 किलो लड्डू बाबा के दरबार मे चढ़ा कर बाजार में बाटे ओर शाम को ही हल्की बूंदा बांदी हुई मुझे विश्वास होने लगा कुछ लोगो ने कहा लड्डू नही बाबा को बुंदिये ज्यादा पसंद है तो हम मार्केट वालो ने फिर से पैसे इकट्ठा करके 22 किलो बुंदिये बनवाये ओर बाबा के दरबार मे जाकर मैंने अपने हाथों से बाबा को भोग लगाया और बाबा से अरदास की की है बाबा जल्दी बारिश करवा फ़स्लो को नष्ट होने से बचा ओर आज भी तेरे होने का सुबूत दे।मेरे साथ पुरुषोत्तम जागिड़ कालू बुंदेला ,धर्मेंद्र बुंदेला ,सीताराम, रजनीश सैनी भी बाबा के दरबार गए थे दोस्तो आज बाबा ने अपने होने का सबूत दे दिया है आज बगड़ में 10-15 अगुल बारिश हो गई जो फ़सल दो बूंदो के लिए तरस रही थी वो आज तरबतर हो है।आप मानो या न मानो ये मेरा खुद का आजमाया हुवा चमत्कार है ।कल ही बुंदिये बाटे ओर आज जोरदार बारिश हो गई हालांकि तुरन्त बरसात वाला काम तो नही बना शायद ये कलयुग का प्रभाव हो सकता है या काफी दिनों तक बाबा को याद
न करने पर बाबा की नाराज़गी हो सकती है आज दूसरे दिन बारिश जरूर हुई है अब आप विश्वास करो न करो मुझे विश्वास है मेने आजमा के देख लिया है।
अब आपको बाबा की मज़ार के दर्शन करवा देता हूं
प्रेम से बोलो बुंदिया बाबा उर्फ अलिशहीद बाबा की जय
By :-
Surendra Singh Bhamboo सुरेन्द्र सिंह भाम्बू
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