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Friday, December 2, 2016

सर्दी ने दी दस्तक पहला कोहरा देखने को मिला

सर्दी ने दी दस्तक इस साल का पहला कोहरा छाया 5-7 फिट से आगे का कुछ नही दे रहा है दिखाई।
सबसे अनुरोध है की इस कोहरे व र्दी से छोटे बच्चो बचा कर रखे और साथ साथ अपने स्वास्थय का भी ध्यान रखे।








और इस सीजन के गर्म कपड़े निकाल ले। तथा अलाव जलाने की तयारी कर ले। और अपने अपने वाहनों की रप्तार धीमी रखे व सावधानी पूर्वक गाड़िया चलाये ।  !जन हित में जारी!
शुभ प्रभात
























आपके पढ़ने लायक यहां भी है।

कुछ दोस्त बहुत याद आते है..

  लुप्त होती भारतीय संस्कृति- इसे बचाये पर कैसे ?

लक्ष्य











Wednesday, January 6, 2016

काफी इंतजार के बाद किसानो उम्मीद जगी छाया कोहरा

कई दिनों से किसान उम्मीद लगाये बैठे थे कि कब कोहरा आये और फ़सलो की जान में जान आये क्योकि ये फ़सल कोहरे और ठंड से ही अच्छी गुणवत्ता वाली पक पाती है आज किसानो की उम्मीद को चार चाँद लग गए जब आज छाया घना कोहरा । ये आपको मालूम है किसान के लिए उसकी फसल उसका माँ बाप ओलाद सब कुछ होती है। आज कोहरे की विजिबिलिटी रही 5 फिट आस पस की चीजे भी नहीं दे रही थी दिखाई सूरज भी दिख रहा था छोटे बल्ब की तरह।
कोहरे के आने से फ़सलो को मिली राहत अब गेहू,जो,सरसों की फसल में आएगी जान (करेगी घी का सा काम)





















 आपके पढ़ने लायक यहां भी है।

 

प्यारी माँ दुनिया का सबसे अनमोल गहना

 

राजस्थानी तड़का कद नीपजेली टीबड़ी

 

लक्ष्य

Thursday, December 22, 2011

कड़ाके दार सर्दी घने कोहरे के साथ,मालीगांव


 आज प्रातः जब मैं उठा तो देखा पुरा वातावरण धुंधमय है। अर्थात इस शर्दी की पहली धुध कोहरा पड़ा,और यहां भी अपना रंग दिखा रहा है। कोहरा बहुत ही गहरा  है हाथ को हाथ ही नहीं दिखा ई दे रहे है।
 कोहरे में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।
 पक्षियों की चहचाट ने किया कोहरे का स्वागत
चारों तरफ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसी शर्दी में  मेरा बेटा 1 वर्ष 8 माह का लक्ष्य भी शर्दी में ठिठुर रहा हैं और अपना बचाव गर्म कपड़े पहन कर कर रहा है।
बच्चों की आदतें तो आप सब जानते ही हैं तो लक्ष्य भी रोत सुबह 5 बजे उठ खड़ा होता हैं बाहर जाने की जिद करने लगता हैं अब ऐसी शर्दी और लक्ष्य का बाहर घुमना है ना आफत को न्योताए पर बच्चा हैं उसकी जिद तो जिद ही है। बाल हट उसे तो बाहर घुमाना ही पड़ता है भले ही कपड़ में लपेट कर घुमाओं नहीं तो उसके पास अपना एकमात्र हथियार बाल हट रोना हैं ना उसको काम में लेना शुरू कर देता है। अंत में हमें ही विवश होकर उसकी जिद माननी पड़ती है। वाह रे बाल हट !

पर आज तो शर्दी ने हद ही कर दी लगता हैं ये कोहरा दोपहर तक नहीं हटने वालादेखते हैं यह कब तक हटता है।





आपके पढ़ने लायक यहां भी है।

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं,बगड़ बाजार की रौनक के साथ

 स्टेज की कला के समतुल्य हैं, सड़क की कला

 जहां आज भी लोग समय निकालकर आते हैं, प्रसिद्ध रामलीला, बगड़

 झांकी, नाचते- गाते किया विर्षजन,बगड़

 प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी, बगड़

 

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