पिता का नाम - श्री जीवन सिंह भाम्बू
गांव - मालीगांव
तह. - चिड़ावा
जिला - झुन्झुनूं
राज्य - राजस्थान
देस - भारत
मो. - 9829277798
गांव - मालीगांव
तह. - चिड़ावा
जिला - झुन्झुनूं
राज्य - राजस्थान
देस - भारत
मो. - 9829277798
मेरे दादा के परिवार का परिचय
मेरे दादा का नाम स्व. चौ रामनाथ सिंह भाम्बू है।
मेरे परदादा का नाम चौ. सुबेदार पिरानाराम भाम्बू है।
पिरानाराम जी के दो लड के हुए १ का नाम रामनाथ था और 2 का शिवनारायण था।
रामनाथ के 4 लड के है।
1. मालसिंह भाम्बू
2. जीवन राम भाम्बू
3. विजयपाल भाम्बू
4. मूलचन्द भाम्बू
और शिवनारायण के 1 लडका है। 1 हरिसिंह भाम्बू
मेरे ताउजी (बाबोजी) श्री मालसिंह जी कैप्टन से रिटायरमेन्ट है।
मेरे पापाजी स्व. श्री जीवण राम जी एक किसान थे।मेरे चाचाजी श्री विजयपाल जी राजस्थान रोड़वेज में यू.डी.सी है। रोड़वेज
मेरे चाचाजी श्री मूलचन्द जी शिक्षा विभाग में अध्यापक है।
माल सिंह के २ लड के है।
१ सहदेव सिंह भाम्बू
२. सत्यवीर सिंह भाम्बू
3 मेरे चाचा विजयपाल सिंह के 2 बच्चे लड़की व लड़का1 डिम्पल
2 मनजीत
4. मेरे चाचाजी मूलचन्द जी के भी दो बच्चे लड़का व लड़की
1. रविन्द्र जो आब डॉक्टर है। (अस्थी रोग विशेषज्ञ)
2. सरोज
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मेरे परिवार का परचिय
मेरी मम्मी का नाम श्रीमती किताब देवी है जिनका गांव हमीरवास (बजावा ) है।
मेरे पापा का नाम स्व. श्री जीवण राम जी भाम्बू
उनके चार बच्चे है। 3 लड़कीया 1 लड़का
सुरेन्द्र सिंह भाम्बू यानि मैं हूं।
मेरा जन्म 01 जून 1980 को मेरे पैतृक गांव मालीगांव में हुआ।
मैं एक किसान परिवार से हूं। मेरे पिताजी खेती का कार्य किया करते थे।
हमारे खेत में एक कुआ है। यही पर हम रहते है।
मेरी बहिने
मेरे परिवार में हम तीन बिहने क्रमशः 1. चन्द्रकला, 2 शारदा 3. सुमन और इकलोता एक मैं उनका भाई हूं।
मेरी बहिनों की शादी
चन्द्रकला व शारदा की
भीर्र गांव जो बुहाना तहसील में पड़ता वहा हुई है।
क्रमशः श्रीमान विरेन्द्र सिंह जी मान
श्रीमान धर्मेन्द्र सिंह जी मान
जो मुझ से छोटी है। सुमन की शादी
नांद का बास रो चुरू रोड़ पर रिजाणी के आगे है वहां हुई है।
श्रीमान विकास जी सिहाग के साथ
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मेरी पढ़ाई के बारे में
मेरी मम्मी का नाम श्रीमती किताब देवी है जिनका गांव हमीरवास (बजावा ) है।
मेरे पापा का नाम स्व. श्री जीवण राम जी भाम्बू
उनके चार बच्चे है। 3 लड़कीया 1 लड़का
सुरेन्द्र सिंह भाम्बू यानि मैं हूं।
मेरा जन्म 01 जून 1980 को मेरे पैतृक गांव मालीगांव में हुआ।
मैं एक किसान परिवार से हूं। मेरे पिताजी खेती का कार्य किया करते थे।
हमारे खेत में एक कुआ है। यही पर हम रहते है।
मेरी बहिने
मेरे परिवार में हम तीन बिहने क्रमशः 1. चन्द्रकला, 2 शारदा 3. सुमन और इकलोता एक मैं उनका भाई हूं।
मेरी बहिनों की शादी
चन्द्रकला व शारदा की
भीर्र गांव जो बुहाना तहसील में पड़ता वहा हुई है।
क्रमशः श्रीमान विरेन्द्र सिंह जी मान
श्रीमान धर्मेन्द्र सिंह जी मान
जो मुझ से छोटी है। सुमन की शादी
नांद का बास रो चुरू रोड़ पर रिजाणी के आगे है वहां हुई है।
श्रीमान विकास जी सिहाग के साथ
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मेरी पढ़ाई के बारे में
- मेरी प्राथमिक पढ़ाई मेरी ही ग्राम पंचायत के एक छोटे से गांव धीरा वाली ढ़ाणी में हुई जहां
- मैने कक्षा 1 से कक्षा 5तक शिक्षा ग्रहण की वहां मैं आपने चाचा जी जो वहां पर मास्टर थे जाता था।
- कक्षा 6 से कक्षा 8 तक की शिक्षा मेरे ही गांव की सरकारी स्कूल राजकीय माध्यमिक विद्यालय मालीगांव नारनोद में प्राप्त की।
- कक्षा 9 और 10 वीं की पढ़ाई मैनें पाड़ोस के गांव कासिमपुरा के सरकारी विद्यालय से प्राप्त की।
- मैने 10 वीं कक्षा सन् 1995 में उत्तीर्ण कर ली थी। 42 प्रतिद्गात अंको सें।
- फिर मेरी पढ़ाई बगड कस्बे जो हमारे गांव से 5 कि.मी. दूर पडता है वहां के एक निजी स्कूल सेठ पिरामल सी.सै. स्कूल वहां से प्राप्त की वहां से मैने कक्षा 11 व कक्षा 12 पास की विषय (आर्ट ) हिन्दी साहित्य, राजनैतिक विज्ञान,इतिहास विषयों से पास की।
- मैने 12 वीं कक्षा सन् 1997 में पास की इस दौरान मैने कई बार सरकारी नौकरी फोज की भर्ति के लिए कौशिश भी की लैकिन नहीं हो सका ।
- फिर मैने मेरी पढ़ाई को जारी रखते हुए बगड के ही एक निजी कॉलेज सैठ भगवानदास शिवभगवान पटवारी कॉलेज से बी.ए. की डिग्री हासिल की ।
- बी.ए. मैने सन् 2000 में पास की थी 49 प्रतिशत अंको के साथ ।
- सन् 2008 मैं मैने बी.एड. की परिक्षा दी उसमें पास हाने के बाद मैने राजस्थान विश्ववद्यालय से बी.एड. की डिग्री भी प्राप्त कर ली बी.एड. में मैने 72 प्रतिशत अंक प्राप्त किये।
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मेरी विशेषकर रूचि
उस समय मुझे कम्प्यूटर के बारे में थोड़ी सी जानकारी प्राप्त हुई मेरी इच्छा कम्प्यूटर पढ ने की हुई। मैने बगड कस्बे में खुले एक सेंटर पेस नामक संस्थान से कम्प्यूटर का प्राथमिक ज्ञान प्राप्त किया मेरी रूची कप्म्यूटर को सिखने के लिए बढ ती गई। मैने 2001में कम्प्यूटर का डिप्लोमा लिया और कई सेंटरो पर पढ़ाना शुरू किया। मुकुन्दगढ कानोरिया कॉलेज में भी कम्प्यूटर पढ़ाया। बाद में मैने अपनी खुद की कम्प्यूटर की दुकान खोलने का निश्चय कर लिया। और वैसे तो मैने 1998 से ही कम्प्यूटर का कार्य जैसे कार्ड छपाई आदि का कार्य शुरू कर दिया था
मेरी विशेषकर रूचि
उस समय मुझे कम्प्यूटर के बारे में थोड़ी सी जानकारी प्राप्त हुई मेरी इच्छा कम्प्यूटर पढ ने की हुई। मैने बगड कस्बे में खुले एक सेंटर पेस नामक संस्थान से कम्प्यूटर का प्राथमिक ज्ञान प्राप्त किया मेरी रूची कप्म्यूटर को सिखने के लिए बढ ती गई। मैने 2001में कम्प्यूटर का डिप्लोमा लिया और कई सेंटरो पर पढ़ाना शुरू किया। मुकुन्दगढ कानोरिया कॉलेज में भी कम्प्यूटर पढ़ाया। बाद में मैने अपनी खुद की कम्प्यूटर की दुकान खोलने का निश्चय कर लिया। और वैसे तो मैने 1998 से ही कम्प्यूटर का कार्य जैसे कार्ड छपाई आदि का कार्य शुरू कर दिया था
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मेरा सपना मेरी कम्प्यूटर की दूकान
सन् 2001 में मैने अपनी पर्सनल दुकान शुरू कर दी। जो बगड में बी.एल. स्कूल और बैंक ऑफ बड़ोदा के पास थी। जिसका नाम मैने श्री नेशनल कम्प्यूटर आर्ट डिजीटल कलर लैब रखा जो आज भी उसी नाम से चला रहा हूं। मेरी दुकान के अन्दर आज स्टूडियो का कार्य, शादी विवाह के लिए व सभी प्रकार की छपाई का कार्य तथा कम्प्यूटर रिपेयर तथा कप्म्यूटर सिखलाई का कार्य करवाता हूं।
2004 में मैने अपनी दुकान का स्थान परिवर्तन कर लिया जो बगड के पूर्व क्षेत्र में आज पीरामल गेट के पास स्थित है। जब मैने दुकान प्रारम्भ की तब बगड में कम्प्यूटर द्वारा छपाई करने वाला एक मात्र मैं ही दुकानदार था बगड के अन्दर बिजनैस के परपज से कम्प्यूटर लाने वाला पहला मै ही एक दुकान दार था।
मेरा सपना मेरी कम्प्यूटर की दूकान
सन् 2001 में मैने अपनी पर्सनल दुकान शुरू कर दी। जो बगड में बी.एल. स्कूल और बैंक ऑफ बड़ोदा के पास थी। जिसका नाम मैने श्री नेशनल कम्प्यूटर आर्ट डिजीटल कलर लैब रखा जो आज भी उसी नाम से चला रहा हूं। मेरी दुकान के अन्दर आज स्टूडियो का कार्य, शादी विवाह के लिए व सभी प्रकार की छपाई का कार्य तथा कम्प्यूटर रिपेयर तथा कप्म्यूटर सिखलाई का कार्य करवाता हूं।
2004 में मैने अपनी दुकान का स्थान परिवर्तन कर लिया जो बगड के पूर्व क्षेत्र में आज पीरामल गेट के पास स्थित है। जब मैने दुकान प्रारम्भ की तब बगड में कम्प्यूटर द्वारा छपाई करने वाला एक मात्र मैं ही दुकानदार था बगड के अन्दर बिजनैस के परपज से कम्प्यूटर लाने वाला पहला मै ही एक दुकान दार था।
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मेरी जिन्दगी की सबसे दुःखद दिन
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स्व. श्री जीवण राम जी भाम्बू (पिताजी) |
इस दौरान मेरे साथ एक दुखद घटना घटित हुई मेरे पिताजी श्री जीवण राम जी का असाध्य रोग कैंसर सें निधन हो गया उनका निधन 10 जनवरी 2009 शनिवार पोष शुक्ल तिथ (चौदस) को प्रातः 4.15 बजे हुआ। वो मेरी जिन्दगी का एक सबसे दुखद दिन था।
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मेरी शादी के बारे में
15 जून 2009 को मेरी शादी चिड़ावा तहसिल के एक गांव जखोड़ा में श्री प्रभूराम जी की सुपुत्री अन्जू कुलरिया से हो गई।
15 अप्रेल 2010 (15 अप्रैल 2010 )को मेरे घर एक पुत्र का जन्म हुआ।
जिसका नाम मैने लक्ष्य भाम्बू रखा है।
15 जून 2009 को मेरी शादी चिड़ावा तहसिल के एक गांव जखोड़ा में श्री प्रभूराम जी की सुपुत्री अन्जू कुलरिया से हो गई।
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लक्ष्य भाम्बू बड़ा बेटा |
15 अप्रेल 2010 (15 अप्रैल 2010 )को मेरे घर एक पुत्र का जन्म हुआ।
जिसका नाम मैने लक्ष्य भाम्बू रखा है।
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पियूष भाम्बबू (छोटा बेटा) |
3 दिसम्बर 2018 को मेरे घर दुसरे बेटे का जन्म हुआ जिसका नाम मैने पीयूष भाम्बू रखा है।
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मेरी जिंदगी का दूसरा दुःखद दिन
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स्व. श्रीमती किताब देवी भाम्बू (मां) |
8 मई 2021 बैशाख कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि वार शनिवार को प्रातः 9:15 बजे ईश्वर ने मेरी माताजी श्रीमती किताब देवी का ममत्व मेरे सर से छीन लिया मैं आज बिल्कुल अनाथ हो गया, माँ की ममता मेरे सर से जा चुकी थी। ये मेरी जिंदगी का दूसरा सबसे दुःखद दिन था
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मेरा पसदिदा खाना - सादा खाना मुंझे पंसद है।
कैरी की सब्जी,सांगरी की सब्जी,कढ़ी भिण्डी की सब्जी मुझे बहुत पंसद है।
मेरा पंसदिदा रंग क्रीम कलर है।
मेरा पंसदिदा साबुन लायबॉय तथा लक्स है।
मैं सदाबाहर गाने सुनना पंसद करता हूं।
दौस्ती करना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
समाज सैवा करने में मुझे खुंशी होती है।
बच्चो से मुझे बहुत प्यार है।
मुझे पालतु पशुओं से भी प्रेम है।
मेरी रूची फुटबॉल के गेम में है।
और ज्यादातर रूचि कम्प्यूटर पर कुछ नया खोजने व करने में रहती है।
'' हमारी जिन्दगी की तो बस यही एक छोटी सी कहानी है,
कुछ रब की कुछ यारों की मेहबानी है। ''
एस. एस. भाम्बू
मेरा पता :-
सुरेन्द्र सिंह भाम्बू पुत्र श्री जीवण सिंह भाम्बू
ग्राम/पो. - मालीगांव तह. चिड़ावा
जिला - झुन्झुनूं (राज.)
मो. 9829277798
SURENDRA SINGH BHAMBOO S/o SHRI JIWAN SINGH BHAMBOO
VPO- MALIGAON VIA- BAGAR
TEH. CHIRAWA DIST. JHUNJHUNU (RAJ.)
MOB. 9829277798
भाई साहब आपके बारे पढकर बहुत खुशी हुई !
ReplyDeleteआदरणीय श्री सुरेन्द्र जी,
ReplyDeleteआपका परिचय लिखने का अपना अलग ही अन्दाज है। प्रभावकारी तो है ही, लेकिन यदि थोडा हैडिंग एवं सब हैडिंग में होता तो अधिक आकर्षक लगता। मुझे आपके पिता के देहान्त की बात पढकर दुःख हुआ। आपका जन्म १९८० का है और इतनी कम उम्र में पिता का साया सर से उठ जानो निश्चय ही आपके लिये बहुत बडा झटका है। जीवन भी तो इसे ही कहते हैं। आपने लिखा है कि आपके पूज्य पिता को कैंसर हुआ था, यदि इसका कारण तम्बाखू था तो तम्बाखू के खतरों के प्रति अन्य लोगों को जागरूक करके आप अपने पिता को सच्ची श्रृद्धांजलि दे सकते हैं। परमात्मा उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
आपके घर में दुल्हन का आगमन और कुछ समय बात पुत्र का जन्म हुआ है। इन दोनों बहुमूल्य उपलब्धियों के लिये मेरी ओर से शुभकामनाएँ और आशीष।
धन्यवाद।
शुभकामनाओं सहित
आपका
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा निरंकुश
आपके परिचय में आपने लिखा है -
ReplyDelete"........जिसका नाम मैने श्री नेशनल कम्प्यूटर आर्ट जिजिटल कलर लैब रखा जो आज भी उसी नाम से चला रहा हूं।...."
इसमें जिजिटल के स्थान पर डिजीटल होना चाहिए! यदि ऐसा है तो ठीक करें!
आपका का परिचय पढ़कर , और आपकी लगन देखकर बहुत ख़ुशी हुई
ReplyDeleteमें एक ढलती उम्र का घर पर बैठा हुआ व्यक्ति हूँ. कंप्यूटर का ज्ञान न के बराबर है
हमारे बच्चे जो मार्ग दर्शन कर सकते हैं वोह दूर हैं अतः कैसे ही अपने विचारों कि अभिव्यक्ति करने का प्र्यतन कर रहा हूँ.
धन्यवाद
सुरेन्द्र जी आपका ब्लाग पढ़कर अच्छा लगा. मैं गांवों का इतिहास लिखता हूँ. आपके ब्लॉग से जो मिला मैंने एक पेज बनाया है. आप यहाँ देखें - http://www.jatland.com/home/Mali_Gaon
ReplyDeleteलक्ष्मण बुरड़क
सर आपने मेरे ब्लॉग को अपने पेज पर जगह दी उसके लिए आपका बहुत बहुत आभार धन्यवाद
Deleteआपका मेरे ब्लॉग पर आगमन ही मेरे लिए सौभाग्य की बात ह।
आशा है कि आप हमेशा मेरे ओर मेरे ब्लॉग पर आपका आशीर्वाद यू ही बनाये रखेंगे
सुरेन्द्र भाई जी..........
ReplyDeleteआपके परिचय प्रस्तुति अनुकरणीय है..........
वैसे झुंझनू का मेरा एक दोस्त था..अभी भी है बस सम्पर्क
थोडा कम रहता है....मुझे अपके शेखावाटी की बोली बहुत पसन्द
है..........थोडी सी अख्खड और सौम्य होने की वजह से मुझे
ये पसन्द है (जाट हूँ ना)..........
सुरेन्द्र जी नमस्कार
ReplyDeleteआपका पूर्ण परिचय पढ़ा
बहुत सुंदर लगा पढ़कर
आप बहुत अच्छे एवं सोम्य व्यव्हार के लगते है
आपको दोस्ती करना पसंद है तो मेरे भी दोस्त बनो
आपका मित्र आदित्य कुमार
बिल्कुल जी मैं तो आपका दोस्त हु ही आप मेरे ब्लॉग पर आए आपका बहुत बहुत आभार
Deleteसुरेन्द्र भाई !! आप बहुत ही सरल ह्रदय एवं स्नेहशील ब्यक्ति हैं..बहुत ही सरलता एवं सादगी से आपने अपने विषय में खुली पुस्तिका में लिखा जिससे मेरे मन में आपके प्रति अपार स्नेह की भावना का उदय हुआ ....मुझे नेट और ब्लॉग के सम्बन्ध में कोई विशेष जानकारी नहीं है इसलिए सम्प्रेषण में किसी प्रकार की त्रुटि
ReplyDeleteरह जाए तो क्षमा चाहूँगा ...आप मेर ब्लॉग पर आये साथ ही आपने उत्साह वर्धन किया और कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां दी ..जिसका में ह्रदय से आभारी हूँ...इसी परकार स्नेह बनाये रखियेगा....
सादर स्नेह
आपका मित्र
aap ka prichay likhne ka dang achcha laga....
ReplyDeleteबेह्तरीन लेखन सुरेन्द्र जी, आपने तो शब्दों में ही ऐसा रच डाला कि आपके पूरे परिवार से मिलना भी हो गया, मेरे ज्योतिष ब्लाग पर आपकी टिप्प्णी के लिए धन्यवाद, वैसे मैं भी आप ही के जैसा काम कर रहा हू। और अच्छी बात ये है कि मेरे चार वर्ष के पुत्र का नाम भी लक्ष्य है। आप ऐसे ही लिखते रहिये। ……निरंतर्।
ReplyDeleteमेरे अन्य ब्लोग dprabhakarsblog.blogspot.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया दें। धन्यवाद
सुरेन्द्र भाई आपका परिचय बहुत ही सुन्दर लगा और आपने लिखा है की समाज सेवा बहुत अच्छी लगती है तो एक सुझाव देना चाहता हूँ आपके पसंदीदा साबुन लक्स और लाईफ्बाय है कृपया आप कोइ हिन्दोस्तानी साबुन को अपनी पसंद बनाईये तो बहुत अच्छा रहेगा
ReplyDeleteधन्यावाद
आपका संजय राणा
पारिवारिक विवरण सुरुचिपुर्ण है। हम दोनोँ एक ही कुटुम्ब के सदस्य हैँ। श्रदेय श्री कुम्भाराम भाम्बू के वंशज। पूर्वजोँ की वंशावली मेँ मेरी स्थिति निम्नानुसार है- 1 -कुम्भाराम-2- नाथाराम-3-भोजाराम-4-सुरजाराम-5- रामनारायण-6- गोविन्दराम-7- प्यारेलाल
ReplyDeleteजी बिल्कुल
Deleteआप मेरे ब्लॉग पर आए मेरा उत्साहवर्धन किया उसके लिए आपका आभार धन्यवाद जज
Good bhai
ReplyDeletePukhraj Bhambhu
Aap ki bare mein padh kar bahut achcha Laga
ReplyDeleteAapke bare mein padh kar bahut achcha Laga
ReplyDelete