बगड़ में बाई पास रोड़ के पास ज्योति विद्यापीठ स्कूल में आज गायत्री परिवार की तरफ से 5 दिवसीय व 24 कुण्डीय महा यज्ञ व युग चेतना युग सैनिक निर्माण चेतना प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया यह झुन्झुनूं जिले में द्वितीय युग चेताना प्रशिक्षण शिविर है। यह यज्ञ 2 अक्टूबर से लेकर 6 अक्टूबर तक चलेगा जिसमें ज्योति विद्यापीठ के बच्चे को चयन किया गया और उसके साथ साथ मण्डावा व अन्त्र स्कूलों के बच्चों को भी चयन करके बुलाया गया बच्चों के साथ यज्ञ में भाग लेने के लिए उन्ही बच्चों के माता पिता अभिभावक को साथ में बुलाया गया यह शिविर आवासीय है। ठहरने की व्यवस्था स्कूल में ही है। खाने पीने की सार व्यवस्था वहीं पर है।
सर्वप्रथम गुरू देव व गुरू माता व यज्ञ महाराज के चित्र के सामने दीप प्रज्वलित कर हाथ जोड़ उनका स्मरण कर कार्य का शुभारंभ किया गया और उन्हें पुष्प अर्पित किये गये।
और फिर गायत्री मंत्र द्वारा ( ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।) अर्थ - उस प्राण स्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतःकरण में धारण करें।)
यज्ञ वेदियो में यज्ञ प्रारंभ किया गया ।
जहां स्कूली बच्चो के साथ उनके अभिभावक साथ में बैठे तथा पूर्ण विधि विधान के साथ यज्ञ पूर्ण किया गया और गायत्री माता की जय जय कार के साथ अन्य काफी उपयुक्तता मंत्रो का उच्चारण किया गया ।
कार्यक्रम का आयोजन श्री आर.एन. परीक साहब झुन्झुनूं द्वारा किया जा रहा है। और इसमें अपनी तन मन धन से या यू कहें सचालन भूमिका निभा रहे है ज्योति विद्यापीठ स्कूल के डायरेक्टर श्रीमान चिंरजीलाल जी सैनी जिन्होने अपनी स्कूली धरा पर इस इतने बड़े आयोजन को फलीभूत करने में सहयोग दिया है।
यज्ञ का आयोजन करवाने के लिए शान्ति कुंज हरिद्वारा से प्रकाण्ड पण्डितों की टोली बुलाई गई है। और ये कार्यक्रम शांन्ति कुंज के तत्त्वावधान में ही हो रहा है। जिनका प्रारंभ में तिलक लगाकर स्वागत किया गया है।
स्कूल का प्रांगण में 24 कुण्ड सजाये गये तथा उनमें यज्ञ किया गया पुरे प्रांगण में मंत्रों का उद्घोष व गायत्री माता गुरू देव की जय जय कार सुनाई दे रही थी।
और माता के भजनों द्वारा भक्तों जनों को भाव विभोर किया गया ।
तथा यज्ञ कार्य सम्पूर्ण होने के बाद गायत्री माता की आरती की गई
गायत्री माता के साधकों के साथ माताएं व बहने भी वहां उपस्थित थी।
टोली सदस्यों द्वारा झण्डा( राष्ट्री ध्वज ) फहराया गया और उसे सभी युगसैनिकों द्वारा सलामी दी गई
कार्यक्रम की दैनिक रूप रेख के अनुसार शाम को बच्चों कोपौराणिक खेल हड़दड़ा खो रसड़ी सितोलिया आदि खिलवाया गया
फिर रात्री में सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया जिसमें डॉ शशि मरोलिया ने अपनी साम्प्रदायिक सदभाव की कविताओं द्वारा बालको व श्रोताओं का मन मोह लिया
श्री कालूराम जी द्वारा भी बहुत सुन्दर उपदेशात्मक ममता मयी कविता पेश की गई
और जाकीर जी ने तों बाजरे की रोटी कविता से सबका मन ही मोह लिया
रात्री में लाईट से सजी स्कूल बहुत ही सुंदर लग रही थी।
अब मिलते है कल के कार्यक्रम के साथ तब तक के लिए इजाज़त----
आपके पढ़ने लायक यहां भी है।
सर्वप्रथम गुरू देव व गुरू माता व यज्ञ महाराज के चित्र के सामने दीप प्रज्वलित कर हाथ जोड़ उनका स्मरण कर कार्य का शुभारंभ किया गया और उन्हें पुष्प अर्पित किये गये।
और फिर गायत्री मंत्र द्वारा ( ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।) अर्थ - उस प्राण स्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतःकरण में धारण करें।)
यज्ञ वेदियो में यज्ञ प्रारंभ किया गया ।
जहां स्कूली बच्चो के साथ उनके अभिभावक साथ में बैठे तथा पूर्ण विधि विधान के साथ यज्ञ पूर्ण किया गया और गायत्री माता की जय जय कार के साथ अन्य काफी उपयुक्तता मंत्रो का उच्चारण किया गया ।
कार्यक्रम का आयोजन श्री आर.एन. परीक साहब झुन्झुनूं द्वारा किया जा रहा है। और इसमें अपनी तन मन धन से या यू कहें सचालन भूमिका निभा रहे है ज्योति विद्यापीठ स्कूल के डायरेक्टर श्रीमान चिंरजीलाल जी सैनी जिन्होने अपनी स्कूली धरा पर इस इतने बड़े आयोजन को फलीभूत करने में सहयोग दिया है।
यज्ञ का आयोजन करवाने के लिए शान्ति कुंज हरिद्वारा से प्रकाण्ड पण्डितों की टोली बुलाई गई है। और ये कार्यक्रम शांन्ति कुंज के तत्त्वावधान में ही हो रहा है। जिनका प्रारंभ में तिलक लगाकर स्वागत किया गया है।
स्कूल का प्रांगण में 24 कुण्ड सजाये गये तथा उनमें यज्ञ किया गया पुरे प्रांगण में मंत्रों का उद्घोष व गायत्री माता गुरू देव की जय जय कार सुनाई दे रही थी।
और माता के भजनों द्वारा भक्तों जनों को भाव विभोर किया गया ।
तथा यज्ञ कार्य सम्पूर्ण होने के बाद गायत्री माता की आरती की गई
गायत्री माता के साधकों के साथ माताएं व बहने भी वहां उपस्थित थी।
टोली सदस्यों द्वारा झण्डा( राष्ट्री ध्वज ) फहराया गया और उसे सभी युगसैनिकों द्वारा सलामी दी गई
कार्यक्रम की दैनिक रूप रेख के अनुसार शाम को बच्चों कोपौराणिक खेल हड़दड़ा खो रसड़ी सितोलिया आदि खिलवाया गया
फिर रात्री में सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया जिसमें डॉ शशि मरोलिया ने अपनी साम्प्रदायिक सदभाव की कविताओं द्वारा बालको व श्रोताओं का मन मोह लिया
श्री कालूराम जी द्वारा भी बहुत सुन्दर उपदेशात्मक ममता मयी कविता पेश की गई
और जाकीर जी ने तों बाजरे की रोटी कविता से सबका मन ही मोह लिया
रात्री में लाईट से सजी स्कूल बहुत ही सुंदर लग रही थी।
अब मिलते है कल के कार्यक्रम के साथ तब तक के लिए इजाज़त----
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