सूचना

यह वेब पेज इन्टरनेट एक्सप्लोरर 6 में ठीक से दिखाई नहीं देता है तो इसे मोजिला फायर फॉक्स 3 या IE 7 या उससे ऊपर का वर्जन काम में लेवें

Monday, April 1, 2013

पैल्या लावणी करस्या,सगळी कुड़गी मालीगांव

 सरसो की लावणी करता किसान
 काफी दिनों से कोई पोस्ट नहीं लिख सका इसका कारण इन दिनो चल रही लावणी है। पिछले दिनो चले झोले ( धूप  भरी हवाऐ ) के कारण सरसों और जौ व गेहू की फसल एक साथ लावणी आ गई जिसके चलते जमीदार वर्ग  अस्त व्यस्त हो गया और हर जमीदार किसान के मुह से ये ही सुनाई देने लगा ‘‘भाया ओर काम बाद में पैल्या लावणी करस्या सारो सोदो कुड ग्यो है ’’ और ये सही भी है इस समय किसान को सिवाय लावणी के  कुछ भी दिखाई नहीं देता हैं और दिखाई दे भी कैसे बेचारे की छः माह की मेहनत जो हैं पुरी सर्दी में ठिठुरते हुए जिस फसल को सिंचा अब को कुड़ने झड़ने लगी हैं तो उसे दुःख तो होना जायज ही है।
 खेत में लावणी कार्य करते पड़ोसी और उनका परिवार

  मैं भी एक जमीदार किसान वर्ग से हूं  इसलिए मैं भी इन दिनो इसी कार्य में उलझा हुआ हूं। लोग दोपहर देखते न रात बस जुटे हुए हैं लावणी करने मेंकिसी खेत में देखे तो सरसों की लावणी चल रही है कही देखें तो जौ की चल रही हैं बस सब व्यस्त हैं लावणी में मैं भी सुबह 5 बजे उठ कर लग जाता हूं लावणी के काम में और दोपहर 11-12 बजे पिछा छुटता है
बुरी तरह कुड़ी हुई जौ की फसल
 इस लावणी कार्य से तकब जाकर नहा धोकर दुकान की राह लेता हूं और फिर साम को 4 बजे दुबार घर की तरफ रवानगी लेनी होती है दुबारा खेत कार्य लावणी में लगने के लिए  बिच में दुकान पर भी आना जरूरी है क्योकि इतने दिनो दुकान को बंद भी नहीं रख सकते है।
सरसों की फसल के पास खड़ा मेरा बेटा लक्ष्य
 इसलिए इन दिनों नेट दुनिया से समय के अभाव में जरा दूरिया बनी हुई है। न तो किसी की पोस्ट पढत्र पाते है और नही लिख पाते है। कल- परसो अपना केमरा साथ था इसलिए दो चार फोटो निकाल लिए खेत में कार्य करते हुए किसानों को
सरसो  को एक जगह इकट्ठा करता किसान

जो आपके साथ शेयर कर रहा हूं।











समय के अभाव में इतना ही फिर मिलते हैं किसी नई पोस्ट के साथ तब तक के लिए इजाजत ...



आपके पढ़ने लायक यहां भी है।

सभी देसवासियों को वेलेन्टाईन डे की बधाईयां

किसानों की उम्मीद, फसलें लहलाई,मालीगांव,

 राजस्थान में बढ़ाई बगड़ नगर की शान,पहचान,मुकेश दाधीच

विदेशी सैलानियो के संग मकर संक्रांति की मस्ती,बगड़

  पतंग उड़ा रे छौरा पतंग उड़ा , लक्ष्य,मालीगांव

  कटरा से मां वैष्णो देवी के दरबार तक

लक्ष्य

1 comment:

  1. bahut badhiya post, kisan ko apni fasal ki chinta pahale hoti hai aur baki kam bad me. anyatha chidiya chug gayi khet wala mamla ho jata he.

    ReplyDelete

आपके द्वारा दी गई टिप्पणी हमें लिखने का होसला दिलाती है।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...