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Thursday, July 5, 2012

रोज सुबह की मस्ती खरगोश के बच्चों के साथ, लक्ष्य

 रोजाना सुबह उठते ही मेरा 2 साल का बेटा लक्ष्य अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ चल पड़ता हैं अपने चहेते खरगोश के बच्चो के साथ आंख मिचोली खेलने तथा उनकी देखभाल करने जब उसकी दादी मां यानि मेरी मा कहती है लक्ष्य पहले दुध पीले बाद में खेल लेना तो कहता है दुध बाद में पहले बच्चों के साथ खेलुगां यही आलम हर रोज सोते समय भी रहता हैं।

मैने अपने घर मालीगांव Maligaon  में खरगोश का जोड़ा पाल रखा है।  हुआ यूं कि कुछ रोज पहले मेरे एक सबसे अच्छे  दोस्त आरीफ ने मुझे कहा कि उसके पास खरगोश को जोड़ा है (वैसे  मुझे पालतू जानवर पालने का बड़ा (शोख)लगाव  है।) तो मैने उसे कहा यार एक बच्चा मुझै भी दे दे तो उसके कहा अगर आप चाहो तो पुरा जोड़ा ही ले जा सकते हो तो फिर क्या था? मैं पहुच गया उसके घर और ले आया उससे खरगोश का जोंड़ा और उसके साथ एक छोटा खरगोश का बच्चा । उस दिन जब शाम को घर आया तो खरगोश को देखकर मेरे बेटे का तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा  बस खाना पीना छोड कर बैठ गया उनके साथ खेलने और भाग दोड़ करने उस दिन तो उसे बड़ी मुश्किल से सुलाया पर सुबह उठते ही फिर कहने लगा बच्चे कहां हैं? जब तक उसके सामने बच्चे नहीं लाये गये तब तक बैचेन रहा और फिर खरगोश को देखते ही दोड़ने लगा उनके पिछे उस दिन से लेकर आज तक उसका यही रूटेन रहता है और अब तो ऐसा लगता है कि हमारे से ज्यादा खरगोशों की देखभाल का जिम्मा उसने अपने सर ले लिया है कभी उन्हे हरी दुब घास जो कि खरगोश को प्रिय भोजन होता है लाकर डालता है कभी उनको पानी पिलाता हैं ।कभी उन्हे अपने बिस्कुट खिलाता है। और वो खरगोश और उनका वो छोटा बच्चा भी हमारी बजाय उसके साथ ही ज्यादा लगाव रखता है उसके हाथो से ही पानी पिता है और बिसकिट भी छिनकर खा लेता है और लक्ष्य उन खरगोशों को अपने हिस्से के बिस्किट खिला देता है और फिर हमें कहता है कि मुझे और बिस्कुट दोऔर फिर दुबारा उन्हे ही डाल आता है।  



 यह है मादा खरगोश जब भाग दोड़ से थक जाती है तो छिडके गये पानी में अपने पैर पसार कर लेट जाती है। जैस उसे तो बहुत ज्यादा गर्मी लगती हो
 कभी अपनी मांद खोदने लगती हैं और वो अब नये ब्च्चे जन्म देने वाली है।
 ऐसा अटूट बंधन बन गया है लक्ष्य और उन भोले जानवरों में वो भी उसकी गोद में आकर बैठ जाते हैं और वो उन्हे बड़ा लाड प्यार करता हैं छोटे वाले बच्चे को ता लक्ष्य अमूमन अपनी गोद में ही लिये रखता है। पर वो भी बहुत चालाक है फर से उसकी गोद से निकल कर भाग जाता हैं और उससे दौड़ लगवाता हैं इस प्रकार लक्ष्य उनके साथ आंख मिचोली और मस्ती करता रहता हैं यहां तक की अपना खाना पिना भुल कर उनकी देखभाल करता रहता है।  



अपनी गोद में बैठाकर लाड प्यार करता लक्षय
खरगोश को उसकी मांद से बाहर निकालता लक्ष्य
दुबक कर बैठा खरगोश

 वैसे  तो  उन्हे लोहे के पिजरे में रखते है क्योकि हमारा घर खेत में है वहा बिल्ली और कुत्ते बहुत है इसलिये उन्हे खुला छोड़ना खतरे से खाली नहीं है फिर भी  उन्हे हमारी देख रेख में खुले छोड़ते है तो वो अपनी मांद खोदने में लग जाते है और बडै ही अदब ढ़ग से मिट्टी को पिछे ढकेलते रहते हैं उनकी माद खोदने का तरीका बहुत सराहनीय है।


अपनी मांद खोदती मादा खरगोश

मादा खरगोश की मांद खुदाई में मदद करता नर खरगोश और उसका बच्चा

अपनी मस्मी में उछल कुद करते खरगोश व उसका बच्चा






बस इतना ही फिर मिलते है इस  मादा खरगोश  के बच्चे जन्म की जानकारी के साथ ....


















आपके पढ़ने लायक यहां भी है।

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3 comments:

  1. चोखो करियो, टाबर बी खरगोशां माए लाग्यो रहसी।

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  2. यह है शुक्रवार की खबर ।

    उत्कृष्ट प्रस्तुति चर्चा मंच पर ।।

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  3. सुन्दर शावक देख के , हुई आत्मा तृप्त |
    पुत्र सरिस हम भी प्रसन्न, सुन्दर प्रस्तुत वृत्त ||

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