सूचना

यह वेब पेज इन्टरनेट एक्सप्लोरर 6 में ठीक से दिखाई नहीं देता है तो इसे मोजिला फायर फॉक्स 3 या IE 7 या उससे ऊपर का वर्जन काम में लेवें

Wednesday, August 16, 2017

लोकदेवता जाहरवीर गोगाजी महाराज

Gulgle गुलगले खुरमले

आज नवमी तिथि है आज के दिन लोक देवता गोगाजी महाराज की पूजा अर्चना होती है आज के दिन गोगा जी को धोक लगती है गुलगले और खीरसे गोगा जी को भोग लगाया जाता है।
गोगाजी राजस्थान प्रान्त के लोक देवता हैं जिन्हे 'जहरवीर गोगा जी' के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक गाव गोगामेड़ी है। यहां भाद्रप्रद शुक्लपक्ष की नवमी को गोगाजी देवता का मेला भरता है। इन्हें हिन्दू और मुस्लिम दोनो पूजते हैं।
वीर गोगाजी गोरखनाथ के परमशिष्य थे। उनका जन्म विक्रम संवत 1003 में चूरू जिले के ददरेवा गाँव में हुआ था।  गोगादेव के जन्मस्थान राजस्थान के चुरू जिले के ददरेवा  में स्थित है जहाँ पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कायम खानी मुस्लिम समाज उनको जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं तथा उक्त स्थान पर मत्‍था टेकने और मन्नत माँगने आते हैं। इस तरह यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है। गोगाजी का जन्म चौहान वंश के शासक (जैबर) जेवरसिंह की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे।

Gulgle गुलगले खुरमले

  गांव गांव में जहाँ जहाँ गोगाजी का स्थान गोगामेड़ी है वहाँ वहाँ पर मेले भही भरते है इस तिथि को गोगानवमी के नाम से जानते है इसी दिन गोगाजी जा जन्म हुवा था। गोगाजी हमेशा दूसरों की सेवा करने वाले गोरक्षक रहे थे। इन्हें साँपो के देवता के रूप में पूजा जाता है। इनके स्थान पर अगर कोई सांप का काटा पूर्ण श्रद्धा के साथ आता है तो उनका इलाज़ मात्र भभूत लगाने से हो जाता है ये कलयुग के सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले लोक देवता है। इनके इतिहास के बारे में आप सब जानते ही है बताने की जरूरत नही है जो नही जानते उन्हें थोड़ी बहुत  जानकारी बता ही देता हूं जो मुझे बड़े बुजुर्गों ओर इतिहास पठन से मिली है
Goga Medi Maligaon गोगामेड़ी मालीगांव

Gulgle गुलगले खुरमले बनाने को घोल




मेरे गाँव मे भी गोगाजी की तीन मेड़ी स्थान है जिसमे एक मेड़ी जो गाव के पश्चिम दिशा में है  आज के दिन विशाल मेला भरता है और कुस्तीय भी होती है हजारों श्रद्धालु आज बाबा के आगे अपना शीश नवाते है और उनसे जहरीले जानवरो से  निर्भय  होने का वर पाते है
Gulgle गुलगले खुरमले बनाने
 आज हमने भी  गोगाजी की धोक लगाई है जिनमें उनका प्रिय भोग तैयार किया  गुलगले और खुरमले  तथा खीर जिन्हें देखकर बचपन की यादें ताजा हो गई   अब  नहीं तो बचपन मे  सबने इनका स्वाद तो चखा ही होगा इनका स्वाद तो शायद आप सभी जानते ये कितने मीठे और अच्छे लगते है। इन्हें अगर दूसरा नाम दिया जाये तो वो होगा राजस्थानी बिस्कुट    ये है राजस्थान के बिस्किट  इनके बनाने में भी बहुत सुधार हो गया पहले ये गुड के घोल से बनते थे और गजब मीठे लगते थे  लेकिन अब ये चीनी के घोल से बनाये जाने लगे हालाँकि स्वाद कुछ कम जरूर हुआ व पर उनको खाने का एक अलग ही अंदाज और स्वाद होता है। और लगभग परिवारों में तो ये बनने ही बंद हो गये शायद अब ये सिर्फ धोक जितने ही बनाते है या 15-20नाम मात्र के मान सकते है पर पहले ये इतने बनते थे कि गोगाजी के त्योहार पर बनाये खुरमले एक माह तक खाते रहते थे और कई दिनों तक नाश्ते के रूप में काम में लेते थे।  सुबह हम लोग स्कूल भी इनका नाश्ता करके ही जाते थे कई दिनों तक इनको खाते रहते थें  इनकी बनावट टाईट होने के कारण और तेल में तले जाने के कारण ये खराब नहीं होते है।
खाने हो तो आ जावो   क्यो सही है न
आपको राय दे


ओर अगली नवमी को यानि आज से ठीक एक माह बाद आने वाली नवमी को गाँव की पूर्व दिशा वाली मेड़ी पर मेला भरता है उसे बुढ़िया गोगाजी के नाम से मनाया जाता है हमारे गाँव मे आज तक कोई भी जो सांप के काटने पर मेड़ी आया उसकी मौत नही हुई है यहां से पूरी तरह ठीक होकर ही गया है
एक बार प्रेम से बोलो गोगाजी महाराज की जय
Surendra singh bhamboo

 आपके पढ़ने लायक यहां भी है। 

चौली (चुली )की फ़सल का रख रखाव

 श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व बनाम/ (केसरिया)

राखी के पावन पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाये।

खेजड़ी वृक्ष की महिमा जो आज खतरे में है....

राजस्थान का गौरव कल्प वृक्ष कहा जाने वाला वृक्ष खेजड़ी (जांटी) है खतरे में ??

शेखावाटी का प्रसिद्ध रसदार खाद्य फल,पील

हीरा तो चमके बाळू रेत म।

 31 दिसम्बर लाईन का खात्मा सबके जहन में घुमती रही मोदी की आत्मा

लक्ष्य


No comments:

Post a Comment

आपके द्वारा दी गई टिप्पणी हमें लिखने का होसला दिलाती है।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...