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Thursday, September 2, 2010

रेगिस्तान का जहाज एक नये अंदाज में

सज सवर कर किसी दुल्हे से कम नहीं लग रहा था
 रेगिस्तान का जहाज (ऊंट) और काम मल्टीपरपज
दोस्तों शायद आपने अब तक टी.वी. पर 15 अगस्त 26 जनवरी तथा सेना के विभिन्न दिवसों पर बी.एस.एफ. के (पढ़ाये) सिखलाये गये ऊटों द्वारा तरह तरह के करतब दिखाते देखा होगा लेकिन रेगिस्तान के सामान्य ऊटों को तो सिर्फ बोझा ढ़ोते या फिर खेतों में चरते हुए ही देखा होगा।

ऊँट यानि रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाले इस जानवर को तो लगभग आप सभी जानते ही होगें तो इसके बारे में विस्तृत जानकारी देना तो कोई बड़ी बात नहीं होगी आप सभी इसकी विशेष खाशियतों जैसे  ज्यादा बोझा ढोना, लगभग 2 माह तक बिना पानी पिये रहना,पैरों का काफी कठोर होना आदि के बारे सभी जानते ही होगें हमारे यहां तो लोग इसको सिर्फ खेती बाड़ी

के काम में ही लेते है। तो ज्यादा इसकी विशेषताओं का बखान करने की जरूरत न समझते हुए अब मैने प्वाईंट पर आते है 
मैं आपको आज ऐसे सामान्य (बिना विशेष सिखलाई) के एक ऊँट को दिखाऊगां जो न सिर्फ डी.जे के गानों पर नाचता है बल्कि अजग गजब के करतब भी दिखाता है। कभी उसका मालिक उसको लेटा कर उसके उपर नाचता है। कभी उसका पैर उपने सर पर रख कर नाचता है।

कभी कभी तो उसके मुंह पर ही बैठ जाता है लेकिन मजाल है कि ऊंट जरा सा भी हिले आराम से सब करने देता है। लेटा दिया तो लेटा रहता है। कभी वह ऊँट घुटनों के बल पर चलता है। कभी अपना पैर सिधा करके सलाम करता है। कभी कभी उसका मालिक अपना सिर ऊट के मुंह में डाल देता है। लेकिन ऊँट आराम से ऐसा करने देता है। प्यार से अपने मालिक का सर अपने मुंह में रख् लेता है। बहुत ही सुन्दर डांस करता है।
यह करतब आज मैने अपनी बगड़ नगरीया में ही देखा। मेरी दुकान के नजदीक ही किसी जन्मोत्सव पर 


अपने मालिक के कंधे पर अपना पैर रखकर नाचते हुए
इस ऊंट वाले को किराया(5000रू) देकर अपना ऊँट लेकर  करतब दिखाने के लिए ही बुलाया गया था पास में डी जे की आवाज सुनी तो लोगों ने इस नाचते हुए ऊँट के करतब देखने के लिए ताता लगा दिया

किसी ने मुझे भी सुचना दे दी बस फिर क्या था मैं भी आपके व मेरे सहयोगी टूल (केमरे) को लेकर पहुंच गया और नाच व करतब देखने के साथ साथ  फोटो भी उतार लिए । ऊँट के करतब वास्तव में ही देखने  लायक थे वहा लोगों की काफी भीड़ जमा थी




यहां तक की रोड़ पर अपनी गाडिया रोकर भी लोगों ने इसके करतब देखें वही उसकी एक घोड़ी के करतब भी देखने लायक थे।
ऊँट के करतब घोड़ी कहां चुप रहने वाली थी वह भी थिरकने लगी। अब मैं ज्यादा ना लिखकर आपको ये फोटो ही दिखाना ज्यादा पंसद करूंगा।  
इस ऊँट को तो सिर्फ ऐसे उत्सवों पर नाचने के लिए 


ही मालिक ने इसे पाल रखा है। 
उसके मालिक का कहना है कि वह उसको साल में लगभग 1 क्विटल घी पिला देता है।

8 comments:

  1. आपने तो बहुत बढ़िया मनोरंजन कर लिया | अगर हमें कहते तो हम भी आ जाते और आपके ब्लॉग पाठकों को वीडियो भी दिखा देते |

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  2. Bahut sundar aur manoranjak. Maine apne karyakal main Rajasthan ka lagbhag harek area dekha, par unt ke is tarah ke manoranjak kartab kahin nahin dekhe. Badhai..

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  3. वाह, विडियो होता तो आनंद आ जाता है

    भवि्ष्य में नरेश सिंग जी सेवाएं अवश्य लें।

    कभी हम आएंगे तो अवश्य ही देखेंगे।

    गोगो नवमी की बधाई
    खीर लापसी बणाओ और खाओ

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  4. ब्लाग टेम्पलेट की बैक ग्राउंड इमेज निकालो और हेडर की फ़ोटो की उंचाई 190 पिक्सल तक रखो। ब्लाग जल्दी खुलेगा।

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  5. संगीत की भाषा एक ही होती है। वनस्पतियों तक पर इसके प्रभाव प्रमाणित हो चुके हैं।

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  6. सच में मजा आ गया देखकर...अगर वीडियो होता तो कहने क्या थे...कभी वीडियो मिल सके तो जरूर दिखाइएगा

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  7. बहुत बढ़िया । संगीत रसिक ऊंट के दर्शन कराने के लिये धन्यवाद.।

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  8. नमस्कार और साथ मे धन्यवाद,गणेश चतुर्थी, तीज और ईद की बधाई. आपके रचनाओ को पढ कर मजा आय.

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