गणेश चतुर्थी की त्रिदिवसीय महोत्सव के बाद आखिरी दिन श्री गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन बगड़ के फतेह सागर तालाब में किया गया
विसर्जन की झांकी का कार्यक्रम डीजे पर बाबा के भजनों व जयकारों के साथ नाचते गाते हुए व गुलाल उडाते हुए किया गया, झांकी पीरामल गेट से रवाना होकर मैन बाजार, सब्जी मण्डी, बी.एल चौक सें
होते हुए तिराहा स्टेण्ड श्याम मन्दिर के निकट बने फतेहसागर तालाब में किया गया, झांकी सांय 5 बजे पीरामल गेट से शुरू हुई
बाबा के भक्तों ने बाबा के भक्तजनों ने डीजे पर नाचते झुमते व जयकारे लगाते हुए रंग.बिरंग गुलाल उडाते हुए धुम मचाई हालाकि इस वर्ष भीड़ पहले की बजाय कम थी रौली पर बैठे बाबा गणेश जी बहुत ही मन मोहक लग रहे थे।
क्योकि मौहल्ले की युवा पीढ़ी इस झांकी को नया रूप दे रही लगती है। जैसे भजनों बजाय डीजे पर फिल्मी गानों पर डांस करना वो शायद लोगों को या दर्शको पंसद नहीं आयो इसलिए भीड़ कम दिखाई दी
वहीं दुसरी तरफ चैामालों के मौहल्ले बगड़ की मण्डली द्वारा भी झांकी निकाली गई वहां खासी भीड़ देखने को मिली। आज के लिए बस इतना ही फिर मिलते है। ...
आपके पढ़ने लायक यहां भी है।
विसर्जन की झांकी का कार्यक्रम डीजे पर बाबा के भजनों व जयकारों के साथ नाचते गाते हुए व गुलाल उडाते हुए किया गया, झांकी पीरामल गेट से रवाना होकर मैन बाजार, सब्जी मण्डी, बी.एल चौक सें
होते हुए तिराहा स्टेण्ड श्याम मन्दिर के निकट बने फतेहसागर तालाब में किया गया, झांकी सांय 5 बजे पीरामल गेट से शुरू हुई
बाबा के भक्तों ने बाबा के भक्तजनों ने डीजे पर नाचते झुमते व जयकारे लगाते हुए रंग.बिरंग गुलाल उडाते हुए धुम मचाई हालाकि इस वर्ष भीड़ पहले की बजाय कम थी रौली पर बैठे बाबा गणेश जी बहुत ही मन मोहक लग रहे थे।
वहीं दुसरी तरफ चैामालों के मौहल्ले बगड़ की मण्डली द्वारा भी झांकी निकाली गई वहां खासी भीड़ देखने को मिली। आज के लिए बस इतना ही फिर मिलते है। ...
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