आपने गेहूँ सरसों आदि के पौधे की लम्बाई 5-6 फिट की देखी व सुनी होगी लेकिन अब आप देखिए पालक का पाँच फिट लम्बा पौधा जो मेरे घर पर एक क्यारी में लगा (उगा) हुआ है। आपको भी यह सुनकर व देखकर आश्चर्य होगा की पालक भी 5 फिट लम्बा हो सकता है। जी हां मैने घर पर सब्जी वगैरह में मैंने एक क्यारी में पालक भी लगा रखा है।
उसी क्यारी में से पांच- सात पौधे काफी लम्बें बढ़ रहें है जिनकी लम्बाई 5 फिट से उपर हैं जो मेरे लिए ही नहीं गांव के लोगों के लिए भी कोतुहल का विषय बना हुआ है। एक पालक के पौधे की इतनी लम्बाई हमने इससे पहले कभी न ही देखी और न ही सुनी है। और इन पौधों का तना भी 2 से 2.5 इंची तक का मौटा है।
लोग इस इन पौधों को देख कर आश्चर्य चकित हो रहें है। अगर पालक को पौधा बीज भी देता है तो उसकी अमूमन् लम्बाई 2 से 2.5 फिट तक ही बढ़ सकती हैं इससे ज्यादा नहीं लेकिन इन पौधों ने तो हद ही पार कर दी।
और एक पौधे के उपर 15 बिस साट निकली हुई हैं उनकी लम्बाई भी इनके बराबर ही है। और तने पर बीज और पत्ते आये हुये है।
इसके पत्ते भी काफी चौड़े व लम्बें है।
इस क्यारी में सिर्फ देशी गोबर की खाद ही डाली गई है।इसके अलावा अन्य कोई खाद नहीं डाली गई है, यानि ये फूल आरगेनिक (देशी) खेती है। और इसके पत्तों की सब्जी भी बहुत स्वादिष्ट बनती है।
ये तो हुई पालक के पौधों की बात और अब बात रही इस मौसम की अन्य फसलों की तो इस बार बारिश मावठ न होने की वजह से बाकी फसलें इतने रंग ढ़ग पर नहीं हैं चने की फसल तो बिलकुल खत्म हैं लोगों का बान बिज भी वापिस नहीं आने वाला है। फिर भी कुल मिलाकर कुओं की फसल ठीक ठाक है।
सरसों की बड़ी (अगेती) फसल को सर्दी की कुछ चपेट आई और छोटे वाली ( पछेती) सरसों की फसल ठीक ठाक है। सरसों के फूल झड़ने लगें हैं फलियां पकने लगी है।
गैहूं की फसल जौ व मेथी की फसल इस समय परवान पर हैं और अच्छी खड़ी हुई है।
जौ की फसल पर इस समय बाले आई हुई दाने आ रहें है।
यह है मालीगांव की खेती का हाल चाल फिर मिलते है नई खोज खबर के साथ तब तक के लिए इजाज़त...
उसी क्यारी में से पांच- सात पौधे काफी लम्बें बढ़ रहें है जिनकी लम्बाई 5 फिट से उपर हैं जो मेरे लिए ही नहीं गांव के लोगों के लिए भी कोतुहल का विषय बना हुआ है। एक पालक के पौधे की इतनी लम्बाई हमने इससे पहले कभी न ही देखी और न ही सुनी है। और इन पौधों का तना भी 2 से 2.5 इंची तक का मौटा है।
लोग इस इन पौधों को देख कर आश्चर्य चकित हो रहें है। अगर पालक को पौधा बीज भी देता है तो उसकी अमूमन् लम्बाई 2 से 2.5 फिट तक ही बढ़ सकती हैं इससे ज्यादा नहीं लेकिन इन पौधों ने तो हद ही पार कर दी।
और एक पौधे के उपर 15 बिस साट निकली हुई हैं उनकी लम्बाई भी इनके बराबर ही है। और तने पर बीज और पत्ते आये हुये है।
इसके पत्ते भी काफी चौड़े व लम्बें है।
इस क्यारी में सिर्फ देशी गोबर की खाद ही डाली गई है।इसके अलावा अन्य कोई खाद नहीं डाली गई है, यानि ये फूल आरगेनिक (देशी) खेती है। और इसके पत्तों की सब्जी भी बहुत स्वादिष्ट बनती है।
ये तो हुई पालक के पौधों की बात और अब बात रही इस मौसम की अन्य फसलों की तो इस बार बारिश मावठ न होने की वजह से बाकी फसलें इतने रंग ढ़ग पर नहीं हैं चने की फसल तो बिलकुल खत्म हैं लोगों का बान बिज भी वापिस नहीं आने वाला है। फिर भी कुल मिलाकर कुओं की फसल ठीक ठाक है।
सरसों की बड़ी (अगेती) फसल को सर्दी की कुछ चपेट आई और छोटे वाली ( पछेती) सरसों की फसल ठीक ठाक है। सरसों के फूल झड़ने लगें हैं फलियां पकने लगी है।
गैहूं की फसल जौ व मेथी की फसल इस समय परवान पर हैं और अच्छी खड़ी हुई है।
जौ की फसल पर इस समय बाले आई हुई दाने आ रहें है।
यह है मालीगांव की खेती का हाल चाल फिर मिलते है नई खोज खबर के साथ तब तक के लिए इजाज़त...
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