आज मजदूर दिवस हैं मजदूर दिवस के इस मौके पर आपको कुछ स्पेशल दिखाते हैं
बगड़ में हमारे दुकान मालिक के बेटे (चिंटू )सुशील कुमार द्वारा मजदूर (मिस्त्री) न मिलने के कारणवश खुद (चेजारे) यानि मिस्त्री मजदूर का कार्य किया सुशील ने इससे पहले कभी न तो मिस्त्री का कार्य किया था और न ही मजदूर का, वो अभी कुछ दिनों पहले की विदेश जाकर (अफगान अमेरिका सेना ) लोटा है।
है ना मजदूर डे स्पेशल
चिंटू के शब्दों में "आजकल मजदूरों के भी हजारों नखरे झेलने पड़ रहें है।"
ये है आज खिचें गये बगड़ नगरी के मन मोहक प्राकृतिक दृश्य जो दोपहर को मैंने अपने केमरे से खिंचे थे
चर्चा दो ब्लॉगों की
बगड़ में हमारे दुकान मालिक के बेटे (चिंटू )सुशील कुमार द्वारा मजदूर (मिस्त्री) न मिलने के कारणवश खुद (चेजारे) यानि मिस्त्री मजदूर का कार्य किया सुशील ने इससे पहले कभी न तो मिस्त्री का कार्य किया था और न ही मजदूर का, वो अभी कुछ दिनों पहले की विदेश जाकर (अफगान अमेरिका सेना ) लोटा है।
है ना मजदूर डे स्पेशल
जींस पेन्ट और टी शर्ट में चेजारे का कार्य करता सुशील जांगिड़ |
ये है आज खिचें गये बगड़ नगरी के मन मोहक प्राकृतिक दृश्य जो दोपहर को मैंने अपने केमरे से खिंचे थे
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चित्र बहुत ही खूबसूरत लगे... पोस्ट पढ़कर, सुशील कुमार जी से रु-बरु होना भी अच्छा लगा...
ReplyDeleteयह तो बहुत अच्छी बात है कि भाई सुशील जांगिड के अन्य एनआरआई या विदेशों से आये लोगों की तरह नखरे नहीं हैं| कोई भी काम छोटा नहीं होता| और अपने ही घर में मजदूरी क्या संडास भी साफ़ करना पड़े तो इसमें हर्ज़ ही क्या है?
ReplyDeleteकाम ही मनुष्य को महान बनाता है |
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