जी हां इस कल युग में भी भक्तों ने भगवान को नाच नचा ही दिया यह आपको इन तस्वीरों को देखकर विश्वास हो जायेगा की यह बात सत्य हैं , यह बात है श्री कृष्ण जन्माष्टमी की रात्री की यानि 28 अगस्त 2013 बुधवार की रात्री की हालाँकि कारणवश पोस्ट लिखने में देरी हो गई इसके लिए क्षमा चाहता हूं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बगड़ में स्थित श्याम मन्दिर के उपर आयोजित किये गये भव्य कार्यक्रम में खुद भगवान शंकर व भगवान श्री कृष्ण ने अपनी प्रेयसी राधा के संग अलग भजनों पर ठुमके लगाये और अपने भक्तों का मन मोह लिया एक तो सतयुग में भक्तों को भगवान को मन मोहने उसे रिझाने के लिए भांति भांति के जतन करने पड़ते थे और आज भगवान ने खुद भांति भांति का नृत्य करे अपने भक्तो के मन को प्रफुल्लित किया
और श्रृद्धालुओं को 4 घंटे तक अपने मोह में फांसे रखा और आश्चर्य चकित करने वाले करतबों से आनंदित किया
कार्यक्रम इतना मनमोहक व अच्छा था जिसकी तुलना और व्याख्या के लिए मेरे पास अल्फाज ही नहीं बन पा रहें हैं इस कार्यक्रम को देखने के लिए बगड़ की जनता के साथ साथ आप पास के गांवे के कई लोग भी आये और भाव विभोर होकर इस रसमयी गंगा में गोते लगाये।
प्रोग्राम अलग अलग झांकियो के रूप में हुआ जिसमें श्रीमहादेव आर्ट सिरसा व रामू राजस्थानी की पार्टियों ने अपनी अपनी मण्डली द्वारा कई अचंभित करने वाली झांकिया प्रस्तुत की
जिनमें राधा कृष्ण नृत्यए शिव काली ताण्डव नृत्य कृष्ण सुदामा का दृश्य, शेषनांग पर नृत्य , बाल कृष्ण की विभिन्न लीलाएं आदि अनेक प्रकार की झांकियो द्वारा दृश्को का मन मोह लिया और ये झांकिया साक्षत प्रत्यक्ष जैसी ही लग रही थी इन कलाकारों को देखकर ऐसा लग रहा थे कि वास्तव में ये कलाकार अगर इनको कोई अच्छा ट्रेनर मिल जाये तो ये बड़े पर्दे के लायक कलाकार है।
सबसे अचंभित करने वाली झांकी भगवान भोले शंकर की थी शंकर बने कलाकार जो वास्तव में भगवान शंकर के प्रत्यक्ष रूप लग रहे थे
इन्होने भगवान की तरह सांप यानी शेष नाग भी बिलकुल असली की अपने मस्तक पर लिपटा रखा था
जब वो वहां बने शिव.लिंग से निकलकर नाचते हुए स्टेज पर आये तो दृश्को ने अपने दातों तले अुगंली दबा ली उनकी वो मनोरम वेशभुषा वो नृत्य का ढ़ग वास्तव में मन मोहक लग रहा था उपर से गले में असली सर्प को देखकर जनता के रोंगटे खड़े हो गये
और पानी में शेषनाग की क्षत्र छाया में बैठे भगवान विष्णु बहुत ही सुन्दर लग रहें थैं लोग उनके इस रूप का देखकर अपने आप को धन्य मान रहें थे। इनका 4 घंटे तक पानी में बैठे रहना काबिले तारीफ ही था नन्हें राधा कृष्ण की लीलाऐ भी मन मोहक थी
और अंन्त में कृष्ण जन्म की लीला के साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति की घोषण हुई और सभी श्रृद्धलु भक्तो को प्रसाद वितरण कर घर भेजा गया और चारो तरफ श्री कृष्ण भगवान के जयकारे लगने लगें।
श्रद्धालुओं में सबेस ज्यादा संख्या यहां औरतो की देखने को मिली
आज के लिए बस इतना ही फिर मिलते है गोगा जी के मेले में हुई कुस्ती की पोस्ट के साथ....
आपके पढ़ने लायक यहां भी है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बगड़ में स्थित श्याम मन्दिर के उपर आयोजित किये गये भव्य कार्यक्रम में खुद भगवान शंकर व भगवान श्री कृष्ण ने अपनी प्रेयसी राधा के संग अलग भजनों पर ठुमके लगाये और अपने भक्तों का मन मोह लिया एक तो सतयुग में भक्तों को भगवान को मन मोहने उसे रिझाने के लिए भांति भांति के जतन करने पड़ते थे और आज भगवान ने खुद भांति भांति का नृत्य करे अपने भक्तो के मन को प्रफुल्लित किया
और श्रृद्धालुओं को 4 घंटे तक अपने मोह में फांसे रखा और आश्चर्य चकित करने वाले करतबों से आनंदित किया
कार्यक्रम इतना मनमोहक व अच्छा था जिसकी तुलना और व्याख्या के लिए मेरे पास अल्फाज ही नहीं बन पा रहें हैं इस कार्यक्रम को देखने के लिए बगड़ की जनता के साथ साथ आप पास के गांवे के कई लोग भी आये और भाव विभोर होकर इस रसमयी गंगा में गोते लगाये।
प्रोग्राम अलग अलग झांकियो के रूप में हुआ जिसमें श्रीमहादेव आर्ट सिरसा व रामू राजस्थानी की पार्टियों ने अपनी अपनी मण्डली द्वारा कई अचंभित करने वाली झांकिया प्रस्तुत की
जिनमें राधा कृष्ण नृत्यए शिव काली ताण्डव नृत्य कृष्ण सुदामा का दृश्य, शेषनांग पर नृत्य , बाल कृष्ण की विभिन्न लीलाएं आदि अनेक प्रकार की झांकियो द्वारा दृश्को का मन मोह लिया और ये झांकिया साक्षत प्रत्यक्ष जैसी ही लग रही थी इन कलाकारों को देखकर ऐसा लग रहा थे कि वास्तव में ये कलाकार अगर इनको कोई अच्छा ट्रेनर मिल जाये तो ये बड़े पर्दे के लायक कलाकार है।
सबसे अचंभित करने वाली झांकी भगवान भोले शंकर की थी शंकर बने कलाकार जो वास्तव में भगवान शंकर के प्रत्यक्ष रूप लग रहे थे
इन्होने भगवान की तरह सांप यानी शेष नाग भी बिलकुल असली की अपने मस्तक पर लिपटा रखा था
जब वो वहां बने शिव.लिंग से निकलकर नाचते हुए स्टेज पर आये तो दृश्को ने अपने दातों तले अुगंली दबा ली उनकी वो मनोरम वेशभुषा वो नृत्य का ढ़ग वास्तव में मन मोहक लग रहा था उपर से गले में असली सर्प को देखकर जनता के रोंगटे खड़े हो गये
और पानी में शेषनाग की क्षत्र छाया में बैठे भगवान विष्णु बहुत ही सुन्दर लग रहें थैं लोग उनके इस रूप का देखकर अपने आप को धन्य मान रहें थे। इनका 4 घंटे तक पानी में बैठे रहना काबिले तारीफ ही था नन्हें राधा कृष्ण की लीलाऐ भी मन मोहक थी
और अंन्त में कृष्ण जन्म की लीला के साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति की घोषण हुई और सभी श्रृद्धलु भक्तो को प्रसाद वितरण कर घर भेजा गया और चारो तरफ श्री कृष्ण भगवान के जयकारे लगने लगें।
श्रद्धालुओं में सबेस ज्यादा संख्या यहां औरतो की देखने को मिली
आज के लिए बस इतना ही फिर मिलते है गोगा जी के मेले में हुई कुस्ती की पोस्ट के साथ....
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