ज्योति विद्यापीठ स्कूल में गायत्री परिवार द्वारा चलाये जा रहे युग सैनिक निर्माण शिवर व गायत्री महा यज्ञ का समापन यज्ञ की पुर्णाहुति के साथ किया गया।
उससे पूर्व सध्या यानि 4 अक्टुबर की रात्री को दीप यज्ञ का आयेाजन किया गया जिसमें मंत्रोचार द्वारा दीप यज्ञ की विधि व उपयोगिता समझाई गई
तथा विद्यालय के बारमदे की आगे की दीवार पर 251 दीपक रखकर जलाये गये इससे पुरा विद्यालय जगमगा उठा ये नजारा देखने में बहुत ही सुन्दर लग रहा था।
विद्यालय का वातावरण ऐसे लग रहा था मानो अयोध्या में श्री राम लोट कर आये हो और उनके आने की खुशी में घी के दीपक जलाये गये हो। ऐसा वातावरण किस्मत वालों को ही देखने को मिलता है।
टोली द्वारा कई मनोरम भजनों की प्रस्तुति प्रदान की गई जिस पर सारे युग सैनिक सहित स्कूल स्टाफ़ भी भाव विभोर हो उठा
फिर दुसरे दिन यानि 5 अक्टूबर को प्रातः तिरंगा झंण्डा फहरया गया और यज्ञ में पूर्णाहुति के लिए यज्ञ प्रारंभ करवाया गया इस दिन यज्ञ में मैं भी पुरे परिवार सहित बैठा
झण्डे गायन व देश भक्ति गीत के साथ झण्डे को श्री चिरजी लाल जी सैनी और उनके बड़े भाई जो सैना में है उनके सहित सभी युग सैनिकों एव कार्य-कर्ताओं ने झण्डे को सलामी दी तथा फिर अपने अपने यज्ञ कुण्डो पर प्रस्थान किया क्योकि आज यज्ञ की पुर्णाहुति होनी थी
मैं भी इस दिन अपनी पत्नी व बैटे लक्ष्य के साथ यज्ञ में बैठा और सम्पूर्ण विधि विधान के साथ यज्ञ पुरा किया
और इसी दिन कई प्रकार के संस्कार भी करवाये गये तथा अन्त में गुरू दिक्षा प्रज्ञा दिलवाई गई जिसमें गुरू नाम लेना होता है और जनेऊ धारण करनी होती है।
नाम करण संस्कार सहित अनेको संस्कार करवाये गये और यज्ञ की पूर्णाहुति की गई
हमने भी मंत्रोचार के साथ यज्ञ में पुर्णाहुति प्रदान की और अपने आप को धन्य बनाया।
सांयकाल टोली की विदाई की गई और सारे युग सैनिक स्टाफए कार्यकर्ताओ सहित ग्रुप फोटो बनवाया गया
और युग सैनिकों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये
तथा साथ में गायत्री माता की एक एक फोटो उपहार स्वरूप भेंट की गई
टोली को तिलक लगा सम्मान नम आँखों से विदा किया गया
और फिर अन्त में कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति - पत्र भी प्रदान किये गये
और राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए नीचे उतारा गया और हंसी खुशी युग सैनिको को विदा किय गया।
और इस प्रकार 5 दिवसीय शिविर का समापन हुआ
आज के लिए बस इतना ही मिलते है फिर तब तक के लिए इजाज़त....
आपके पढ़ने लायक यहां भी है।
उससे पूर्व सध्या यानि 4 अक्टुबर की रात्री को दीप यज्ञ का आयेाजन किया गया जिसमें मंत्रोचार द्वारा दीप यज्ञ की विधि व उपयोगिता समझाई गई
तथा विद्यालय के बारमदे की आगे की दीवार पर 251 दीपक रखकर जलाये गये इससे पुरा विद्यालय जगमगा उठा ये नजारा देखने में बहुत ही सुन्दर लग रहा था।
विद्यालय का वातावरण ऐसे लग रहा था मानो अयोध्या में श्री राम लोट कर आये हो और उनके आने की खुशी में घी के दीपक जलाये गये हो। ऐसा वातावरण किस्मत वालों को ही देखने को मिलता है।
टोली द्वारा कई मनोरम भजनों की प्रस्तुति प्रदान की गई जिस पर सारे युग सैनिक सहित स्कूल स्टाफ़ भी भाव विभोर हो उठा
फिर दुसरे दिन यानि 5 अक्टूबर को प्रातः तिरंगा झंण्डा फहरया गया और यज्ञ में पूर्णाहुति के लिए यज्ञ प्रारंभ करवाया गया इस दिन यज्ञ में मैं भी पुरे परिवार सहित बैठा
झण्डे गायन व देश भक्ति गीत के साथ झण्डे को श्री चिरजी लाल जी सैनी और उनके बड़े भाई जो सैना में है उनके सहित सभी युग सैनिकों एव कार्य-कर्ताओं ने झण्डे को सलामी दी तथा फिर अपने अपने यज्ञ कुण्डो पर प्रस्थान किया क्योकि आज यज्ञ की पुर्णाहुति होनी थी
मैं भी इस दिन अपनी पत्नी व बैटे लक्ष्य के साथ यज्ञ में बैठा और सम्पूर्ण विधि विधान के साथ यज्ञ पुरा किया
और इसी दिन कई प्रकार के संस्कार भी करवाये गये तथा अन्त में गुरू दिक्षा प्रज्ञा दिलवाई गई जिसमें गुरू नाम लेना होता है और जनेऊ धारण करनी होती है।
नाम करण संस्कार सहित अनेको संस्कार करवाये गये और यज्ञ की पूर्णाहुति की गई
हमने भी मंत्रोचार के साथ यज्ञ में पुर्णाहुति प्रदान की और अपने आप को धन्य बनाया।
सांयकाल टोली की विदाई की गई और सारे युग सैनिक स्टाफए कार्यकर्ताओ सहित ग्रुप फोटो बनवाया गया
और युग सैनिकों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये
तथा साथ में गायत्री माता की एक एक फोटो उपहार स्वरूप भेंट की गई
टोली को तिलक लगा सम्मान नम आँखों से विदा किया गया
और फिर अन्त में कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति - पत्र भी प्रदान किये गये
और राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए नीचे उतारा गया और हंसी खुशी युग सैनिको को विदा किय गया।
और इस प्रकार 5 दिवसीय शिविर का समापन हुआ
आज के लिए बस इतना ही मिलते है फिर तब तक के लिए इजाज़त....
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