सूचना

यह वेब पेज इन्टरनेट एक्सप्लोरर 6 में ठीक से दिखाई नहीं देता है तो इसे मोजिला फायर फॉक्स 3 या IE 7 या उससे ऊपर का वर्जन काम में लेवें

Monday, March 14, 2016

कुछ दोस्त बहुत याद आते है..

मै यादों का
किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत
याद आते हैं.

मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.

अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.

कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

सबकी जिंदगी बदल गयी
एक नए सिरे में ढल गयी

किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही

कोई पढने में डूबा है
किसी की दो दो महबूबा हैं

सारे यार गुम हो गये हैं
"तू" से "तुम" और "आप" हो गये है

मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.

धीरे धीरे उम्र कट जाती है
जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,
कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है
और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है ...
- किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते, फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते ...

- जी लो इन पलों को हस के दोस्त,
फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते ...

No comments:

Post a Comment

आपके द्वारा दी गई टिप्पणी हमें लिखने का होसला दिलाती है।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...