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Friday, October 15, 2010

दिन दिन गिरता जा रहा शिक्षा का स्तर

आपके सामने राजस्थान में  पी.टी.ई.टी द्वारा जारी दो राउण्ड की तीन कट आफ लिस्ट है। जिन्हें देखकर आप खुद अन्दाजा लगा सकते हैं कि ये कट आफ क्या दर्शा रहें है।?
पहली कट आफ लिस्ट
दूसरे राउण्ड की पहली कट आफ लिस्ट
सैकेण्ड दूसरी कट आफ लिस्ट

एक तरफ तो राजस्थान में पी.टी.ई.टी कम्पीटीशन द्वारा बी.एड करवाने की बात कह रही है। वही दूसरी और इस लिस्ट में दर्शाये अनुसार विज्ञान वर्ग और वाणिजय वर्ग के छात्र छात्राओं को तो दूसरी लिस्ट में ही सभी को स्थान दे दिया गया था चाहें वो पास हो या फैल यह बात कोई मायने नहीं रखती बस सिटें पूरी होनी चाहिए   अर्थात एक तो  वो छात्र हैं  जो पुरी  तैयारी के साथ काचिंग वगैरह करके परीक्षा देते हैं और एक तरफ वो छात्र हैं जो परीक्षा मात्र देते हैं लेकिन पी.टी.ई.टी द्वारा लास्ट में इन दोनों वर्ग के छात्रों को बराबर लाकर खडा कर दिया जाता है। यानि दोनों ही छात्र बी.एड के हकदार हो जाते हैं आप ही बताइए इसे क्या शिक्षा का स्तर बढ़ सकता है? एक तरफ तो वो छात्र बी.एड कर रहा है। जिसके पी.टी.ई.टी परीक्षा में 70-75 प्रतिशत नम्बर आया है। और एक तरफ जो फैल हो गया वो उसके बराबर बी.एड कर रहा है। यह कौनसा न्याय है। ? यह तो फिर आगे से कौन मेहनत करके परीक्षा देगा सभी सिर्फ फार्म भरकर परीक्षा दे देगें उन्हें पता ता है ही कि अन्त में दूसरी या तीसरी लिस्ट में उनका नम्बर तो आना ही है। तो क्यों मेहनत करेगें अगर ऐसी ही हें तो फिर बेचारे कला वर्ग के छात्रों ने क्या बुरा किया हैं उन्हें भी विज्ञान वर्ग और वाणिजय वर्ग के समान ही सुविधा मिलकर बी.एड करने का हक दिया जाना चाहिए
अब आप ही बताइये कि एक फैल विद्यार्थी जो पास मार्क नहीं ला सका वह क्या बी.एड कर पायेगा और कर भी लेगा तो वह क्या आगें का कम्पीटीशन लड पायेगा और क्या वह भविष्य में बच्चों को पढ़ा पायेगा ? जो विद्यार्थी अपने बुते पर पास नहीं हो सकता उसे बी.एड करवाकर एक आदर्श शिक्षा की बुनियाद रखी जा रही हैं सरकार द्वारा यह कहा तक सही हैं कहां तक गलत ये तो आप लोग ही बता सकते है। 
इस से तो एसा अनुमान लगाया जा सकता हैं कि आज विश्वविद्यालय द्वारा बी.एड के नाम पर बी.एड कॉलेजों की पोकेट भरने के अलावा और कुछ नहीं कर रहें उनका मानना हैं कि किसी की बी.एड कॉलेज की सिटें खाली नहीं रहनी चाहिए भले ही फैल को भी बी.एड करवानी पड़े और करवा भी रहें है। क्यों नही करवायेगें लगभग 25 हजार रूपये जो मिल रहें हैं उस विद्यार्थी द्वारा फिस के रूप में आगे चलकर चाहे वो अध्यापक बने या न बने हमें तो सिर्फ उसे डिग्री देनी है। आज गांव गांव में  आपको बी.एड कॉलेज जनरल स्टोर की तरफ खुली हुई मिल जायेगी।अगर पी.टी.ई.टी को एक अयोग्य विद्यार्थी को ही योगय बनाना हैं तो फिर कम्पीटीशन करवाने की क्या जरूरत है। वैसे भी तो बुलाया जा सकता है। सरकार चाहती हैं कि  बी.एड कॉलेजों की सिटें खाली नहीं रहनी चाहिए बाकि चाहे कुछ भी होता रहें बस फिस के पैसे आने चाहिए केसे भी..कोई फैल विद्यार्थी बी.एड करे या पास इससे उन्हें कोई मतलब नहीं लगता है। इसे शिक्षा का स्तर गिरता हैं या उठता कोई मायने नहीं रखता उनके लिए  इस काउंसलिंग के बाद बीएड महाविद्यालयों में 10763 सीटें खाली रह गई है। इन रिक्त सीटों पर प्रवेश की क्या प्रक्रिया अपनाई जाए, इसके लिए गुरूवार को ही सरकार को पत्र भेजा दिया गया।और मेरे अन्दाज से सरकार क्या करेगी  यह तो आप सब और हम जानते ही हे। और घटा दी जाये कट आफ कला वर्ग की भी  यही ना  आपने सही अंन्दाज लगाया है। यही उतर आयेगा भई सिटें भरकर फिस जो बटोरनी है। नहीं तो बेचारे महाविद्यालयों वालों का क्या हाल होगा उन्हें आमदनी कहां से होगी! सरकार को लड़को के, शिक्षा के भविष्य की चिंता नहीं लग रही हैं उन्हें तो सिफ ...!!!!!
आब आप ही बताईये कि  हमारी सरकार या शिक्षा विभाग  कैसे शिक्षक तैयार कर रही हैं जो आने वाली पीढी के लिए बच्चों को क्या पढ़ा पायेगें यह आप अन्दाजा लगा सकते हें जो खुद पास नहीं हो सके वो ....
मेरा विचार/ आशय किसी आदमी विशेष के प्रति या किसी वर्ग विशेष के प्रति नहीं है। आगामी शिक्षा के भविष्य के प्रति उठे मन के विचार हैं जो मैने व्यक्त कर दिये
मेरे मन में कट आफ को देखकर विचार आय मैने लिख दिया आब आप विद्वान जन ही बताइए क्या क्या सही हैं और क्या गलत आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा



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4 comments:

  1. सुरेन्द्र सिंह जी शिक्षा के गिरते स्तर के बारे में आपकी चिंता जायज है | शिक्षा वो क्षेत्र है जो देश की उन्नति या अवनति को सीधे-सीधे प्रभावित करता है |ये भ्रष्टाचार देश की जड़ों को धीरे-धीरे खोखला कर रहा है | आपने अपने ब्लॉग द्वारा ज्वलंत प्रश्न उठाया है | लेकिन दुर्भाग्य इस देश की अंधी-बहरी सरकारों के कान पर जू भी नहीं रेंगती | एक अच्छे लेख(जानकारी) के लिए साधुवाद |

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  2. जितनी भी बी एड कोलेज है लगभग निजी क्षेत्र की है और सरकार हमेशा उनका ख्याल रखती है देश भले ही गर्त में जाए |

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  3. बहुत सुंदर.
    दशहरा की हार्दिक बधाई ओर शुभकामनाएँ...

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  4. सुरेंदर जी, आप के विचार बिलकुल सही है, आज शिक्षा व्यवसाय बन चुकी है...

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