श्राद्ध पक्ष खत्म होने के बाद आज से ही मां दुर्गा के नौ रूपों की पुजा अर्चना का सौभाग्य हमें नवरात्रों के रूप में मिलता है। नौ दिन तक हर किसी के मुख मण्डल से माता के जयकारे ही गुंजते सुनाई देते है। इन नौ दिनों में माता के नौ रूपों की पुजा की जाती है। और उनसे शक्ति,सुख और समृद्धी जैसे अनेक मन वांच्छित वर (मन्नत)मांगे जाते है। वेदानुकूल तरीके विधि से पूजा करने वाले भक्तों पर माता भगवती अपनी असीम कृपा कर उनके दुःख, भय, रोग, शोकादि दूर कर शक्ति और समृद्धि प्रदान मन वांच्छित वर प्रदान करती है।तथा अन्न धन के भण्डार भरती है।सभी देवी देवताओं की प्रार्थना और तीनों महादेवों के अंश से प्रतिपादित दुष्ट संहारक माता के नौ रूपों को नव दुर्गा कहा गया जिनकी पुजा नवरात्र में की जाती है।
जिनके अलग -अलग नौ नाम है।
1 शैलपुत्री - जो हिमालय की तपस्या और प्रार्थना से प्रसन्न हो कृपापूर्वक उनकी पुत्री के रूप में प्रकट हुई,
2 ब्रह्मचारिणी - सच्चिदानन्दमय ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति कराना जिनका स्वभाव हो, वे ब्रह्मचारिणी कहलाई.
3 चंद्रघंटा - आल्हाद्कारी चन्द्रमा जिनकी घंटा में स्थित हो, उन देवी का नाम चंद्रघंटा है.
4 कूष्मांडा - त्रिविध तापयुक्त संसार जिनके उदार में स्थित हैं, वे भगवती कूष्मांडा कहलाई.
5 स्कंदमाता - भगवती शक्ति से उत्पन्न हुए सनत्कुमार का नाम स्कन्द है, उनकी माता होने से वे स्कंदमाता कहलाई.
6 कात्यायनी -देवताओं के कार्यसिद्धि हेतु महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई, जिससे उनके द्वारा अपने पुत्री मानने से कात्यायनी नाम से प्रसिद्द हुई.
7 कालरात्रि - काल की भी रात्रि (विनाशिका) दुष्ट संहारक होने से उनका नाम कालरात्रि पड़ा ।
8 महागौरी - तपस्या के द्वारा महँ गौरवर्ण प्राप्त करने से महागौरी कहलाई।
9 सिद्धिदात्री - सिद्धि अर्थात सर्व सिद्ध कारिणी मोक्षदायिनी होने से सिद्धिदात्री कहलाती है।
अनेक प्रकार के आभूषणों और रत्नों तथा अस्त्र शस्त्रों से सुशोभित ये देवियाँ क्रोध से भरी हुई और और मन मोहक दिखाई देती हैं. ये शक्ति, त्रिशूल हल, मुसल, खेटक, तोमर,शंख, चक्र, गदा, परशु, पाश, कुंत, एवं उत्तम शांर्गधनुष आदि अस्त्र-शस्त्र अपने हाथों में धारण किए रहती हैं, जिसका उद्देश्य दुष्टों का नाश कर अपने भक्तों को अभयदान देते हुए उनकी रक्षा कर संसार में शांति व्याप्त करना और मन वांच्छित वर, मुराद पुरी करना और अन्न धन के भण्डार भरती है।
माता के आशीर्वाद को पाने के लिए हमारा बगड़ नगर कैसे दूर रह सकता है। यहां भी दो जगह माता भगवती की मूर्ति स्थापित कर घट स्थापना की गई है।एक तो बगड़ में मध्य बने मां दुर्गा के मन्दिर में जहां हर वर्ष बड़ी धुम धाम से नवराते मनाये जाते है। और दुसरी बगड़ के पश्चिम दिशा में फतेह सागर तालाब के पासदोनों ही जगह सेकड़ों माता भक्तों ने आज माता के दरबार में अपना मत्था टेक मां से अभयदान, सुख समृद्धि, और अमन- चैन मुराद मांगी।
इसी के साथ आप सभी पाठको और ब्लोगर मालिको को हमारी तरफ से नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं मां आप सभी के अन्न धन के भण्डार भरे और आपके परिवार को सुख और समृद्धि प्रदान करे इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आगे नौ दिनों तक चलने वाले प्रोग्राम की सूचनाओं के साथ आपके सामने फिर से हाजिर होंगें तब तक के लिए इजाजत...
साया
जिनके अलग -अलग नौ नाम है।
मेरे साथ आप भी करिये जगत पालक ,संहारक मां के नो रूपों के दर्शन


2 ब्रह्मचारिणी - सच्चिदानन्दमय ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति कराना जिनका स्वभाव हो, वे ब्रह्मचारिणी कहलाई.

3 चंद्रघंटा - आल्हाद्कारी चन्द्रमा जिनकी घंटा में स्थित हो, उन देवी का नाम चंद्रघंटा है.

4 कूष्मांडा - त्रिविध तापयुक्त संसार जिनके उदार में स्थित हैं, वे भगवती कूष्मांडा कहलाई.

5 स्कंदमाता - भगवती शक्ति से उत्पन्न हुए सनत्कुमार का नाम स्कन्द है, उनकी माता होने से वे स्कंदमाता कहलाई.

6 कात्यायनी -देवताओं के कार्यसिद्धि हेतु महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई, जिससे उनके द्वारा अपने पुत्री मानने से कात्यायनी नाम से प्रसिद्द हुई.

7 कालरात्रि - काल की भी रात्रि (विनाशिका) दुष्ट संहारक होने से उनका नाम कालरात्रि पड़ा ।

8 महागौरी - तपस्या के द्वारा महँ गौरवर्ण प्राप्त करने से महागौरी कहलाई।

9 सिद्धिदात्री - सिद्धि अर्थात सर्व सिद्ध कारिणी मोक्षदायिनी होने से सिद्धिदात्री कहलाती है।
माता के आशीर्वाद को पाने के लिए हमारा बगड़ नगर कैसे दूर रह सकता है। यहां भी दो जगह माता भगवती की मूर्ति स्थापित कर घट स्थापना की गई है।एक तो बगड़ में मध्य बने मां दुर्गा के मन्दिर में जहां हर वर्ष बड़ी धुम धाम से नवराते मनाये जाते है। और दुसरी बगड़ के पश्चिम दिशा में फतेह सागर तालाब के पासदोनों ही जगह सेकड़ों माता भक्तों ने आज माता के दरबार में अपना मत्था टेक मां से अभयदान, सुख समृद्धि, और अमन- चैन मुराद मांगी।
इसी के साथ आप सभी पाठको और ब्लोगर मालिको को हमारी तरफ से नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं मां आप सभी के अन्न धन के भण्डार भरे और आपके परिवार को सुख और समृद्धि प्रदान करे इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आगे नौ दिनों तक चलने वाले प्रोग्राम की सूचनाओं के साथ आपके सामने फिर से हाजिर होंगें तब तक के लिए इजाजत...
जय मां शेरा वाली, जय मां दुर्गा, जय मां अम्बे
सुंदर और मोहक प्रस्तुति ..
ReplyDeleteमाँ की कृपा हम सब पर बनी रहे ........
ऐसी भावना के साथ .....................
नवरात्र शुरू होने पर आपको शुभकामनाएँ...
आभार .
सुंदर और माँ की मनमोहक प्रस्तुति .....
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ
achchha hai sir nawaratr ki hardik shubhkamanayen !
ReplyDeletearganikbhagyoday.blogspot.com
बहुत अच्छी जानकारी उपलब्ध करवाई है | सुंदर चित्र चार चंद लगा रहे है |
ReplyDeleteDear Surendar ji,
ReplyDeleteनवरात्र शुरू होने पर आपको और आपके परिवार को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
आभार .
From:- Ramesh Fulwariya, Jatawas,Bagar
सार्थक लेखन के लिये आभार एवं "उम्र कैदी" की ओर से शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteजीवन तो इंसान ही नहीं, बल्कि सभी जीव भी जीते हैं, लेकिन इस मसाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, मनमानी और भेदभावपूर्ण व्यवस्था के चलते कुछ लोगों के लिये यह मानव जीवन अभिशाप बना जाता है। आज मैं यह सब झेल रहा हूँ। जब तक मुझ जैसे समस्याग्रस्त लोगों को समाज के लोग अपने हाल पर छोडकर आगे बढते जायेंगे, हालात लगातार बिगडते ही जायेंगे। बल्कि हालात बिगडते जाने का यही बडा कारण है। भगवान ना करे, लेकिन कल को आप या आपका कोई भी इस षडयन्त्र का शिकार हो सकता है!
अत: यदि आपके पास केवल दो मिनट का समय हो तो कृपया मुझ उम्र-कैदी का निम्न ब्लॉग पढने का कष्ट करें हो सकता है कि आप के अनुभवों से मुझे कोई मार्ग या दिशा मिल जाये या मेरा जीवन संघर्ष आपके या अन्य किसी के काम आ जाये।
http://umraquaidi.blogspot.com/
आपका शुभचिन्तक
"उम्र कैदी"
जय माता दी
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