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Thursday, July 23, 2009

गाँव का रहन सहन व् खान पान

गाँव के पुरूष धोती - कुरता पैंट -शर्ट आदि सामान्य वस्त्र पहनते हैं । बुढे सर पर पगड़ी बांधते हैं । महिलाए घाघरा ,ओढ़नी, कुर्ता,साड़ी और लड़किया सलवार शूट पहनती हैं। व्रत त्यौहार पर बढ़िया वस्त्र पहनती हैं . महिलाए आभूषण सोने और चांदी के बने पहनती हैं । गाँव का रहन सहन सामान्य है ।
खान पान भी सामान्य हैं गेंहू व् बाजरे के रोटी और ग्रामीण सब्जिया ( गंवार फली ,सरसों के पत्ते ,केर, सांगरी ,साटे का राइता,चुलाई का राइता) आदि प्रमुख हैं । व्रत त्यौहार पर बढ़िया पकवान भी बनाते हैं। ज्यादा तर लोग गाय व् भैंस का दूध पीते हैं । कुछ लोग शराब का सेवन भी करते हैं । बुजुर्ग लोग चिलम हुक्का बीडी आदि पीते हैं और कुछ लड़के बड़ी सिगरेट पीते हैं। सभी आपस में मिल जुल कर रहते हैं। सभी मिलजुल कर व्रत त्यौहार मानते हैं ।

Tuesday, July 21, 2009

गाँव की भोगोलिक सरंचना


मेरा गाँव एक टिल्ले पर बसा हुआ है ।
पुरे गाँव का बरसात का पानी गाँव की दक्षिन दिशा की तरफ निकलता है ।

 मेरे गाँव की जलवायु सामान्य हैं यहा की मिटटी उपजाऊ है । गाँव की एक तरफ मिटटी के बड़े बड़े टिल्ले हैं । खेतो के ज्यादा तर बुवाई ऊँटों से होती है तथा ट्रेक्टरो से भी खेती होती है\ मेरा गाँव सड़क मार्ग से बगड़ और अन्य गाँवो से जुडा हुआ है । 
गाँव में यातायात के साधन बस, जीप और टेंपो हैं गाँव के बिच में एक बड़ा चोक हैं जहा गाँव के चोपाल लगती है । लगभग खेती बरसात के पानी पर ही निर्भर है कुछ लोगों के पास सिचाई के कुए भी हैं । यहाँ रवि और खरीफ दोनों फसल बोई जाती हैं । रवि की फसल में बाजरा ,गंवार मुंग ,मोठ आदि बोए जाते हैं । तथा खरीफ की फसल में गेहूं ,चना,सरसों, जो, मेथी ,प्याज आदि बोए जाते हैं ।

गांव की बसासत तिसरी आंख ड्रोन केमरे की नजर से



Sunday, July 19, 2009

मेरे गाँव का परिचय



मेरे गाँव का नाम मालीगांव  Maligaon है, जो झुंझुनू जिले से 18 (अठारह )किलोमीटर उतर पूर्व में स्थित है जो बगड़ नगर से 5 (पॉँच ) किलोमीटर उतर दिशा में स्थित है इसकी  ग्राम पंचायत अलीपुर है
तथा तहसील और पंचायत समिति चिडावा है।

निकास :; हस्तनापुर दिल्ली से निकास
तंवर क्षत्रीय 
1पहला गाँव  हरियाणा में कुंजला खेड़ा बसाया 
2बाद में तेजरासर गाँव,
3बराला,
4 लडेरा खेड़ा 
यहां से जाकर हरिपुरा गाँव,भवानीपुर गाँव ,कुतकपुरा धीरासर गाँव भामासी  गाँव बड़पालसर गाँव ,ढढार गाँव आदि गाँव बसाए

    बही भाटों के अनुसार हमारा पुराणा (लडेरा खेड़ा) गांव लगभग 600-700 वर्ष पूर्व  का बसा हुआ है। उनके अनुसार हमार पूर्वज (भाम्बू ) यहा आने से पहले दिल्ली के पास  हरियाणा मेंकुंजला  खेडा गांव में रहते थे । वहा से उठकर कुछ लोग हमारे यहा आकर बसे थे , तीनो भाम्बूओं के गांव मालीगांव,नारनोद,अलीपुर के बीच एक उचे टिले पर बसा था सम्वत 1452 में गाँव लडेरा खेड़ा बसाया पहला भाम्बूओं का गांव।  ऐसा कहा जाता है कि यहा तीन भाई आये और फिर उन्होंने अलग अलग ये तीनों गांव बसाये  मालीगांव ,नारनोद,अलीपुर
तीनो गाँव एक ही दिन बसे सम्वत 1638 में बसे थे मालुखा पठान के राज में बसे है ये तीनो गाँव।
  कुम्भा राम जी के बड़े बेटे कुंतल ने लडेरा खेड़ा गाँव को छोड़ कर नारनोद गाँव बसायाजो आज है , और छोटे बेटे पातल ने अलीपुर गाँव बसाया जो आज है , और चौधरी लादूराम जी ने मालीगांव गाँव बसाया मालुखां पठान के राज में बसा इसलिए इसका नाम मालीगांव पड़ा
अतार्थ मेरा गांव मालीगांव 440 साल पहले बसा हुआ है।

 


मेरे गाँव में ३०० घर है, जिसमें ( हिंदू ,मुस्लमान ) दोनों धर्म के लोग रहते है , हिन्दुओ में (जाट,हरिजन धानक गुवारिया ,नाइ ) आदि जात के लोग रहतें हैं जाट लोगो का गोत्र भाम्बू
हैं मेरे गाँव की जनसँख्या लगभग २००० हैं और लिंगानुपात 1000 पर 930 हैं गाँव के 70 प्रतिशत लोगों का व्यवसाय खेती हैं , बाकि के 10 प्रतिशत लोग नोकरी करते हैं , तथा अन्य 10 प्रतिशत लोग अपना अलग अलग व्यवसाय करतें और 10 प्रतिशत लोग बेरोजगार है। 
गाँव की लगभग औरतें घर का कार्य करतीं हैं कुछ नोकरी भी करतीं हैं । गाँव में ३ मन्दिर गोगा जी के हैं १ गाँव के बीच में हैं , और २ गाँव के दोनों तरफ हैं जहा पर सांप के काटने पर भगतो द्वारा गोगा जी के कृपा से इलाज किया जाता हैं २ मन्दिर बालाजी के हैं

जहाँ रोज सुबह शाम आरती होती हैं । गाँव में एक मस्जित है जहाँ पैर मुस्लमान नवाज अदा करते हैं । गाँव के 8 प्रतिशत लोग खेतो में रहते हैं । 2 सरकारी विद्यालय हैं एक 10 वी तक का तथा

एक 5 वी तक की स्कूल हैं एक गेर सरकारी विद्यालय 10 वी तक का हैं ।

जहाँ पर लड़के व् लड़कियो के साथ पढने के सुविधा हैं गाँव में 3 सरकारी कुए हैं तथा १ पानी की बड़ी टंकी हैं तथा 3 टंकी छोटी हैं । गाँव के लगभग घर पक्के बने हुए हैं ।


गांव का बालाजी मन्दिर जहां शुरू से ही गांव की बारातें (जान) चढ़ती आई है और आज भी गांव के हर व्यक्ति की बारात इसी मन्दिर पर धोंक खाकर चढ़ती है।






मेरे गोत्र भाम्बू का इतिहास

 Village Name               -       Maligaon 
  Post Office Name       - Maligaon
  Gram Panchyat Name  - Alipur
  Tehsil Name               -  Chirawa 
  Via                             - Bagar
  Distt.                          -Jhunjhunu
  State                           - Rajasthan,  India
   Pin No.                      - 333023
   Maligaon

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