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Tuesday, October 26, 2010

रोडवेज बस चालक की सुजबुझ ने बचाई 30 सवारियों की जान

"मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है।" यही कहावत चरितार्थ हुई इस दुर्घटना में, आज का दिन वैसे माने तो बड़ा दुःखद निकला लेकिन अच्छा और शुभ ही माना जा सकता है। क्योंकि आज सवेरे 9- 9.30 बजे झुन्झुनूं दिल्ली राजमार्ग  पर बगड़ में हुई एक बस दुर्घटना में रोडवेज़ बस के चालक की सुजबुझ से बस में सवार 30 सवारियों की जान बच गइ किसी को खरोंच तक नहीं आई लेकिन दुर्घटना हुई ये बहुत बुरी बात हुई।
 हुआ यूं कि झुन्झुनूं डिपों की एक अनुबंधित रोडवेज़ बस पिलानी से जयपुर बस नं. आर जे 23  पीए 1938  जयपुर रूट लेकर जयपुर जा रही थी बगड़ के पूर्व दिशा में स्थित बड़ मन्दिर के पास झुन्झुनूं कि तरफ से आ रही एक छोटी गाड़ी जो फोटों में  दिखाई दे रही है। जो कि बताये अनुसार उसमें 3 लोग  सावर थे सड़क के बीच में आ रही थी बस चालक ने  उसको बचाने के लिए बस चालक ने अपनी सुज बुझ से बस को रोड के नीचे उतार दिया और उस गाड़ी के पिछे से आ रहे ट्रक और उस गाड़ी  को बचाने के लिए बस को रोड से नीचे उतार कर पास के खेत की तरफ मोड़ दी  बस ने एक दिवार को तोड़ फिर बाड  के उपर से होकर खेत में छलांग लगा दी तथा एक ( जांटी) खेजड़ी से टकरा गई और खेजड़ी(जांटी) के दो टूक हो ये लेकिन भगवान की दया से किसी को भी खरोंच तक नहीं आई छोटी गाड़ी के बोनट को क्षती पहुची तथा छोटी गाड़ी के सावर तुरन्त भाग गये। बस रोड़ से लगभग 25-30 फिट दूर चली गई  ।

 एक जोरदार धमाका हुआ इधर उधर से लोग वहां पहुचे और सवारियों को हिमलास बधायाऔर आराम से बाहर निकाला  और पता चला कि किसी को कोई खरोंच तक नहीं आई  बस के आगे का हिस्सा बुरी तरह टुट गया है।  लोगों के बताये अनुसार अगर बस चालक बस को वही ब्रेक लगाता तो बस उलट सकती थी और सवारियों की जान जाने की संभवना हो सकती थी अतः उसने अपनी सुझ बुझ से ऐसा नहीं किया और आज वैसे चतुर्थी का व्रत भी है। शायद लोगों की आस्था ने ही एक बड़ा हादसा होने से बचा लिया और भगवान भी डाईवर के रूप में  आकर उनकी जान बचा गये वहां उपस्थित लोगों के कहे अनुसार बस अपनी सही दिशा में ही आ रही थी छोटी गाड़ी सड़क के बीच में आ रही थी  गलती किसकी हैं ये तो भगवान ही जाने परन्तु देखने में तो गलती  छोटी गाड़ी वाले की ही लग रही थी और वो भाग भी खड़े हुए ।
एक फोटों मे रेड मार्क लगे निशान को देखकर आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि बस वाले चालक ने कहां पर अपने ब्रेक लगाने कि कोशिश की फिर अपना मन बदल कर बस को खेत की तरफ घुमाना ही उचित समझा ताकि लोगों की जान की हिफाज़त की जा सके बस चालक की हिम्मत की वास्तव में दात देनी चाहिए । खुशी इस बात की हैं कि किसी सवारी को चोट नहीं आई  भगवान का लाख लाख शुक्र है। अब आगे क्या होता हैं ये तो रोडवेज़ विभाग ओर पुलिस ही जाने वहां मौके पर पुलिस भी पहुच गई थी ।



आपके पढ़ने लायक यहां भी है।

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मेरी शेखावाटी - : शेखावाटी से जुड़े हुए हिन्दी ब्लोगर (परिचय )

साया
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1 comment:

  1. जिसके साथ भगवान हो उसका बाल भी बांका नहीं हो सकता है |

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