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Thursday, December 22, 2011

कड़ाके दार सर्दी घने कोहरे के साथ,मालीगांव


 आज प्रातः जब मैं उठा तो देखा पुरा वातावरण धुंधमय है। अर्थात इस शर्दी की पहली धुध कोहरा पड़ा,और यहां भी अपना रंग दिखा रहा है। कोहरा बहुत ही गहरा  है हाथ को हाथ ही नहीं दिखा ई दे रहे है।
 कोहरे में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।
 पक्षियों की चहचाट ने किया कोहरे का स्वागत
चारों तरफ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसी शर्दी में  मेरा बेटा 1 वर्ष 8 माह का लक्ष्य भी शर्दी में ठिठुर रहा हैं और अपना बचाव गर्म कपड़े पहन कर कर रहा है।
बच्चों की आदतें तो आप सब जानते ही हैं तो लक्ष्य भी रोत सुबह 5 बजे उठ खड़ा होता हैं बाहर जाने की जिद करने लगता हैं अब ऐसी शर्दी और लक्ष्य का बाहर घुमना है ना आफत को न्योताए पर बच्चा हैं उसकी जिद तो जिद ही है। बाल हट उसे तो बाहर घुमाना ही पड़ता है भले ही कपड़ में लपेट कर घुमाओं नहीं तो उसके पास अपना एकमात्र हथियार बाल हट रोना हैं ना उसको काम में लेना शुरू कर देता है। अंत में हमें ही विवश होकर उसकी जिद माननी पड़ती है। वाह रे बाल हट !

पर आज तो शर्दी ने हद ही कर दी लगता हैं ये कोहरा दोपहर तक नहीं हटने वालादेखते हैं यह कब तक हटता है।





आपके पढ़ने लायक यहां भी है।

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं,बगड़ बाजार की रौनक के साथ

 स्टेज की कला के समतुल्य हैं, सड़क की कला

 जहां आज भी लोग समय निकालकर आते हैं, प्रसिद्ध रामलीला, बगड़

 झांकी, नाचते- गाते किया विर्षजन,बगड़

 प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी, बगड़

 

2 comments:

  1. चोखी सर्दी पड रही सै भाया, टाबरां की संभाळ राखो, नहीं तो सर्दी लाग ज्यागी।

    राम राम

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  2. Maligaon ki shardi famous hai bhai.....par tabar- tikar to shardi may bhi rukke koni....

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