आजकल लावनी (फसल कटाई) का समय चल रहा हैं पर इस बार बेचारा किसान जमींदार वर्ग मन मार कर (बेमन) से सरसों की फसल की कटाई का कार्य कर रहा हैं कारण है पिछले दिनों पड़ी सर्दी के कारण सरसों की फसल पूर्णतया बर्बाद हो गयी हैं सर्दी की मार इतनी तेज थी कि बड़े बड़े लगने वाले ये सरसों के खलियान बिलकुल अनाज सरसों से रहित है। इनमें कुछ भी नहीं निकल रहा है। सिवाय धोखे के और इस फसल को पालने के लिए बेचारे किसान ने दिन रात एक कर दिये और दो दिन की सर्दी ने पुरी पकी पकाई फसल को बर्बाद कर दिया किसान ने कितनी मेहन करके इस फसल की बुवाई की फिर इसे पानी से सिचा और अंत में भगवान ने ये अंजाम दिया पर वो कहावत सही हैं जब पालन हार ही रूठ जाता हैं तो कोई क्या कर सकता है। और इस सरसों को काटने के लिए मजदूरी देनी पड़ रही हैं सो अलग से। और कुछ तो सरकार ने बिजली सप्लाई घटा दी और फिर सर्दी का प्रकोप , सरकार को भी यह बात पुरी तरह पता हैं सरकार ने कहा गिरदावरी होगी और मुआवजा मिलेगा पर न तो गिरदावरी हुई और नही मुआवजा मिला बेचारा किसान वर्ग मन मार कर रह गया
।सरकार को को मुआवजा देना चाहिए था पर नहीं दिया भई सरकार हैं दे तो दे नहीं तो नहीं
अब इस वर्ग की निगाहे सिर्फ गेहूं की फसल पर टिकीं हैं कि कहीं वो बर्बाद नहीं हो जाये नहीं तो खाने के लाले पड़ सकते हैं
अब इस वर्ग की निगाहे सिर्फ गेहूं की फसल पर टिकीं हैं कि कहीं वो बर्बाद नहीं हो जाये नहीं तो खाने के लाले पड़ सकते हैं
वही बात हुई थाली में डालकर सामने से थाली छिन लेना भगवान की मर्जी के आगे किसकी चल सकती हैं
इस बार मावठ नहीं होने के कारण चने की फसल भी नहीं हुई हैं
सरसों के साथ साथ सर्दी की मार जौ के फसल को भी झेलनी पड़ी हैं कुछ प्रतिशत फसल जौ की भी बर्बाद हो गई है जो अब लावणी आयी हुई हैं
सरसों के साथ साथ सर्दी की मार जौ के फसल को भी झेलनी पड़ी हैं कुछ प्रतिशत फसल जौ की भी बर्बाद हो गई है जो अब लावणी आयी हुई हैं
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Lawani to karni he padege na bhai...chaye kuch bhi ho....par abki bar sarkar ne gawar ka bhav bhada diya ye aacha kiya hai....sab cover ho gayega.........abki bar sare kisan sirf gawar he boyegenge......good collection...
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