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Tuesday, February 1, 2011

खादी का बोलबाला (कर्त्तव्यनिष्ठ, निष्पक्ष, निस्वार्थ भाव से कार्य बनाम तबादला) यह है जनतंत्र

जहां कुछ दिन पहले हमारे जिले की कलक्टर महोदया के कार्यो से  जन जन खुश था, तो भाई नरेश सिंह जी ने उन के कार्यो व व्यक्तित्व के बारे में एक पोस्ट लिखी थी इस पोस्ट में नरेश जी ने केवल उनकी प्रशंसा नहीं  बल्की हकीकत बयां की थी वास्तव में कलक्टर महोदया का के विकास कार्य क़ाबिले तारीफ़ ही थे इनके चार माह के कार्यकाल में हुए विकास कार्यो का आयना खुद जिले के सुधरते  इन दिनों के हालात है और रिपोर्ट है।  वो आप इस पोस्ट में पढ़ सकते है।

मेरी शेखावाटी - : 

लेकिन यहाँ के राजनेताओं को उनका काम करने का तरीका न जाने  क्यों पंसद नहीं नहीं आया?  इसलिए आज उनका तबादला आदेश जारी कर दिया गया और उन्हें श्री गंगानगर भेज दिया गया, वो तो ठहरी सरकारी नोकर तो उन्हें तो सरकार के आदेश का पालन करना ही पड़ेगा या  शायद यूं कहे उन्हे खादी का आदेश मानना ही पड़ेगा तो कोई बडी़ बात नहीं होगी। 
उनके साडे चार माह के कार्यकाल में हुए झुन्झुनूं जिले के विकास कार्यो को देखते हुए यह तो अंदाज आम जनता लगा ही रही हैं कि गलती किसकी हैं  और यह भी साफ जाहिर हो रहा हैं कि खादी को यानि नेताओं को  विकास कार्य करने वाले सरकारी आफ़िसर नहीं चाहिए उन्हें तो चाहिए  सिर्फ उनके आदेश (हुकुम) मानने वाले  नोकर जिनसे वे अपने हित साध सकें। वैसे जनता ने तबादले को रोकने के लिए अपने स्तरानुसार मुख्य मंत्री जी को ज्ञापन भी भेजे हैं अब देखते है की खादी पर खादी का रंग चढ़ता है या जनता का।और ताज्जुब तब होता है कि श्रीमान (नेताजी) विधायक साहब खुद आपने मुँह से कह रहे है कि तबादला मैने ही करवाया है।
हां! मैंने ही कराया कलेक्टर का तबादला विधायक श्रवण कुमार( दैनिक भास्कर)



जयपुर/झुंझुनूं। झुंझुनूं की पहली महिला कलेक्टर मुग्धा सिन्हा के तबादले के बाद विधायक और कलेक्टर में जबानी जंग छिड़ गई है। सूरजगढ़ के विधायक श्रवण कुमार का कहना है कि उन्होंने ही सिन्हा का तबादला करवाया है। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री और शासन सचिव से मिला था। मुख्यमंत्री हमारे लीडर हैं और हम उनके आदेश का पालन करने वाले हैं। विधायक ने कहा कि कलेक्टर का काम करने का तरीका सही नहीं था। वे बनते काम को भी बीच में लटका देती थीं। कलेक्टर जिले का ‘फेस’ होता है। उसे सांसद, विधायक, चेयरमैन और सरपंचों की बात सुननी ही पड़ती है। पर सिन्हा कहती थीं कि नेता कौन होते हैं।

एक-दो लोगों का काम करने नहीं आई थी : मुग्धा

मुझे तो काम करना है, इधर करा लो या उधर। परेशान तो वो होते हैं, जो पैसा कमा रहे हो या जिनका परिवार हो, मेरे पास तो कुछ भी नहीं। मैं ऐसी ही हूं, जिद्दी स्वभाव की। मैं अपने हिसाब से काम करती हूं। ना हम किसी के पैर पकड़ते हैं ना नोटों का बक्सा देते हैं। मैं एक दो लोगों के काम करने नहीं आई। हवा में बातें करना मेरा स्टाइल नहीं है। हो सकता है कुछ लोगों को इससे दिक्कत हुई हो। मैं सभ्यता से बात करती हूं, असभ्यता बर्दाश्त नहीं कर सकती।
जब मैं झुंझुनूं आई तो जनता की वाइस दबी हुई थी। कोई रिस्पांस टाइम नहीं था। सारे काम रुटीन की तरह होते थे। मैंने इम्पार्सेलिटी से काम किया। डेली जनता को सुना। केबिन में बुलाने की बजाए बाहर बैठे लोगों के बीच में जाकर उनकी बात सुनी इससे टाइम बचा। मेरा मानना है कि ऑफिस टाइम केवल जनता को सुनने के लिए ही होना चाहिए। मुझे जनता से बहुत अच्छी तरह स्वीकार किया।
कलेक्टर के पक्ष में उतरी जनता, बंद की घोषणा
महज साढ़े चार माह में राजनीतिक कारणों से मुग्धा का तबादला झुंझुनूं की जनता को रास नहीं आ रहा। कई संगठनों ने इसका विरोध किया। राष्ट्रीय जन अत्याचार निवारण समिति ने कलेक्टर का तबादला रद्द करने की मांग करते हुए सीएम के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपे, वहीं मंगलवार को नवलगढ़ और मंडावा बंद की घोषणा भी कर दी। नागौर कलेक्टर समित शर्मा के तबादले के बाद भी वहां के लोग सड़कों पर उतर गए थे।
समिति के मंडावा अध्यक्ष राजकुमार सैनी ने बताया कि कस्बे के कई संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है। इधर बुधवार को विभिन्न संगठन झुंझुनूं बंद की घोषणा भी कर सकते हैं। मंगलवार को झुंझुनूं के शिक्षक भवन में सुबह 11 बजे विभिन्न संगठनों की बैठक होगी, जिसमें कलेक्टर के तबादले पर चर्चा कर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इधर जिला उप प्रमुख विद्याधरसिंह गिल ने कहा है कि बुधवार को जिले के काफी लोग उनके नेतृत्व में जयपुर में मुख्यमंत्री से मिलेंगे। इधर झुंझुनूं बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय ओला ने कहा है कि कलेक्टर का तबादला राजनीतिक कारणों से हुआ है, जिसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। उदयपुरवाटी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सर्राफ ने भी राजनीतिक कारणों से कलेक्टर के तबादले की निंदा करते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।
पाषर्द महेश जीनगर ने मुख्यमंत्री को भेजे फैक्स में लिखा कि एक ईमानदार और काम करने वाले कलेक्टर का राजनीतिक कारणों से तबादला गलत है। इससे अच्छे अधिकारियों का मनोबल टूटेगा। नवलगढ़. राष्ट्रीय जन अत्याचार निवारण समिति ने जिला कलेक्टर मुग्धासिन्हा का तबादला निरस्त कराने की मांग को लेकर मंगलवार को नवलगढ़ बंद की घोषणा की है। समिति ने इसके लिए एसडीएम राजपालसिंह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर तबादला निलंबित कराने की मांग की।

जिलाध्यक्ष मनु महेंद्र के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन के अनुसार जिला कलेक्टर मुग्धा सिन्हा पूरी ईमानदारी के साथ कार्य कर रही थीं। कलेक्टर ने भ्रष्टाचार मिटाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सरकार ने तबादला कर दिया। समिति ने सरकार के निर्णय की निंदा की है। जिलाध्यक्ष ने नवलगढ़ बंद के लिए व्यापारियों व शिक्षण संस्थाओं से सहयोग मांगा है। ज्ञापन देने वालों में सुरेंद्र शर्मा, अनिल पारीक, भूवेंद्रसिंह आदि शामिल थे।सूरजगढ़. चेयरमैन सुरेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कलेक्टर मुग्धा सिन्हा का तबादला निरस्त करने की मांग की है। शर्मा ने पत्र में उल्लेख किया है कि कलेक्टर सिन्हा के झुंझुनू में आने के बाद महिलाओं पर अन्याय व अत्याचार पर अंकुश लगा। साथ ही अपराधियों, भूमाफियों व चाटुकारों में भय पैदा हुआ। कलेक्टर ने आम जन की समस्या सुनकर मौके पर ही उनका समाधान कर लोगों को राहत पहुंचाई।
उपरोक्त विवरण  व फोटो दैनिक भास्कर पेपर से लिया गया हैं,  विस्तृत जानकारी के लिए आप इन्हें पढ़ सकते हैं

हां ! मैंने ही करवाया कलेक्टर का तबादला

 नेता जीते, काम हारा

कलेक्टर के पक्ष में आई पब्लिक, आज नवलगढ़-मंडावा बंद

 इसलिए लगा खेतड़ी एसडीएम को झटका?

 ससे एक बात तो साफ जाहिर है निष्पक्ष और निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाला कोइ भी सरकारी कर्मचारी/अफसर या नोकर इन राजनेताओं को रास नहीं आता इन्हे तो बस इनके आदेश का कटपुतली चाहिए।

अब आप भी अंदाज लगा सकते हैं कि हम कहा रह रहें है। जनतंत्र में या एकतंत्र में या राजतंत्र में या फिर नेता तंत्र में 
मेरी भी आम जन की तरह ही यही अपील  है कि मुग्धा सिन्हा कलक्टर महोदया जैसी कर्त्तव्यनिष्ठ, निष्पक्ष, निस्वार्थ और अपने फ़र्ज को ही सब कुछ मानने वाले व्यक्तित्व का तबादला रद्द किया जाना चाहिए ताकि हमारे जिले का विकास कार्य निर्बाध रूप से चलता रहे और देश में जिले का एक विशेष स्थान बनाया जा सके। 
बाकि आप भी अपनी राय प्रदान जरूर करें आपको क्या लगता हैं क्या यह सही कदम है?


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नेता जीते काम हारा - जिला कलेक्टर मुग्धा सिन्हा का तबादला 

7 comments:

  1. इस जनतंत्र से तो परतंत्र सो गुना बढ़िया था |

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  2. आपकी पोस्ट अपना ब्लॉग पर दिखाई दे रही है, ऑर वो भी सिर्फ आपके लिखने के १ मिनट बाद ही दिखाई देने लग गयी थी

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  3. वाह ...
    बहुत सुन्दर कविता
    मन को भावुक कर दिया

    आभार / शुभ कामनाएं

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  4. अन्धकार की तरफ इशारा है यह ...हम कहाँ जा रहे हैं यह सब करके ...हमें सोचना होगा ...आपका आभार

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  5. सत्यानाश हो विकास में रोड़ा अड़ाने वाले नेताओं का।

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  6. desh ka yahi durbhagya hai .
    loktantra ka najayaj phayada !

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