सूचना

यह वेब पेज इन्टरनेट एक्सप्लोरर 6 में ठीक से दिखाई नहीं देता है तो इसे मोजिला फायर फॉक्स 3 या IE 7 या उससे ऊपर का वर्जन काम में लेवें

Saturday, July 16, 2011

किसानों ने उठाया अपना टूल (औजार) मालीगांव

 ‘‘ यो तावड़ो और यो निनाण (फसल में उगी हुई घास को काटना ) और यो कसियो (निनाण करने का एक औजार) पण के करां करणों ही पड़सी भाया " ।
ये शब्द हैं हमारे खेत के पड़ोसी ताऊ मातुराम के।

आजकल हमारे गांव के किसी भी खेत की तरफ देखे तो चारो तरफ हरियाली ही हरियाली छाई नजर आती है। वर्तमान में  गांव में  बाजरा ग्वार, मूंग ,मोठ ,  आदि की (खरीफ ) फसल उगाई गई हैं और अब उसकी निरायी यानि निनाण का समय आ गया हैं जिसमें खेत में उगे घास को कसिये द्वारा काट कर बाजरे, ग्वार, और मूंगों के पोधों की जड़ो के सहारे मिट्टी डाली जाति हैं जिससें एक तो जमीन की सारी नमी फसल के पाधों को ही मिलती हैं फालतू के घास जमीन की नमी  ज्यादा सोंखते  हैं इसलिए उनको काटना पड़ता है।
 इसलिए Maligaon (मालीगांव)के हर खेत में किसान निनाण करने के लिए लगे हुए हैं मगर परेशानी यह हैं आजकल हमारे यहाँ बारिस न हाने होने की वजह से गर्मी (तावड़ा) सूर्य की तपन पड़ रही हैं जिसके कारण बेचारे किसान वर्ग को बहुत परेशानी हो रही हैं बेचारे पुरे दिन भर इस गर्मी  में भी निनाण करते रहते हैं और पसीना पसीना हो जाते हैं पर बेचारे करें भी तो क्या  अगर फसल की पैदावार अच्छी करनी हैं तो इस गर्मी को भी झेलना ही पड़गा और निनाण भी करना ही पड़ेगा।
 मुझे भी करना पड़ता हैं मैं भी रोज प्रातः 5.30 बजे से लेकर 10 बजे तक निनाण करके ही दुकान पर आता हूं और करें कैसे नहीं भ्ई किसान के बैटे जो ठहरे
पर बस गर्मी की मत पुछना नहीं तो बस अब भी पसीना ....
हालाकि अबकी बार फसल अभी तक बहुत अच्छी लगी हुई हैं  मेटा अनाज जैसे मूंग, ग्वार, चूली आदि की फसल इस बार काफी अच्छी लगी हुई है।
आगे देखते हैं कि भगवाना कैसी पार उतरने देता हैं ये सब उसके हाथ में हैं हम तो सिर्फ मेहनत कर सकते है। वो कर रहें हैं 







आपके पढ़ने लायक यहां भी है।

पराक्रमी देशभक्त, शूरवीर, महाराणा प्रताप जयन्ती पर स्पेशल

 

कई सालों के बाद देखने को मिला ये साजसामान (भाड़ और भड़बुजा)कासिमपुरा, मालीगांव

 जाट्यां को ही कोनी मिनखा रो भी जीवणों दुबर होग्यो, कारण यो जीव (लट,कातरो)

 होली की मस्ती और रंग गुलाल के संग फिर हम कैसे पिछे हटने वाले थे ? लक्ष्य

 घमसो मैया मन्दिर धौलपुर एक शेषनाग फनी पर्वत और प्...

 

1 comment:

  1. किसान के बेटे होकर धूप से डर रहे हो,ये समय का प्रभाव है | अगर बारिश नहीं हुई तो निनाण का कोइ फायदा नहीं होगा |

    ReplyDelete

आपके द्वारा दी गई टिप्पणी हमें लिखने का होसला दिलाती है।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...