सभी देश वासियों,मेरे देश के रक्षकों (तीनों सेना के सैनिको ) दोस्तों,ब्लॉग जगत के सभी पाठकों ,ब्लॉग मालिको को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
सबसे पहले मेरा उन शहीदों को शत शत नमन जिनकी वजह से आज हम ये स्वतंत्रता दिवस मना रहें है।
आज देश 72 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। कहने को तो हम स्वतंत्र है पर क्या सही मायने में हम स्वतंत्र है ? सबसे पहले आतंकवाद ,जाति वाद,धर्म वाद( धर्म गत राजनीति), भ्रष्टाचार,और घोटाले और बच जाये वो लाल किले की उस पवित्र प्राचीर पर खड़े होकर लम्बी लम्बी बकवाद आज की स्वतंत्रता देखकर उन दिवंगत आत्माओं को भी शर्म आ रही होगी कि उन्होंने इस स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण गवायें थे
मन उब गया है ये सब सुनते- सुनते और झेलते- झेलते
इन चार पांच बकवादों के अलावा किसी विषय पर सोच पाया है देश अभी तक शायद नहीं मै किसी पार्टी विशेष की बात नहीं कर रहा हूं सब पार्टियां एक जैसी है
सब के पास अपनी रोटी सेकने के लिए इन पांच चार मुद्दों के अलावा कुछ है ही नहीं !!!
इधर देखों चाहें उधर सब घोटाले इन इन हराम खोर नेताओं के ही क्यों हैं ?
क्योकि ये आज भी आम जनता को गुलाम ही समझते हैं और आपस में हिन्दू मुस्लिम जाट,हरिजन,ब्राह्मण, सिखा आदि का तेल छिड़क कर बहकाते रहते हैं
और जनता के पैसे से ऐसो आराम करते है।
तो क्या हम स्वतंत्र हुए नहीं न क्योंकि गुलाम तो हम आज भी बने हुए हैं पहले अंग्रेजों के थे उनकी ही नीति पर आज इन हराम-खोर नेताओं के बन चुके है।
इसीलिए आज हम और देश सिर्फ कहने मात्र के लिए स्वतंत्र है। बाकि सब इनके हाथ में ये अपने स्वार्थ के लिए जब चाहे कानून को तोड़ मरोड़ देते हैं MLA MP नेता अनपढ़ बन सकता हैं सरपंच के लिए 8 वीं 10 वी पास जरूरी है। वाह देश स्वतंत्र है। कानून हमारे लिए लागू उनके लिए नहीं ?
वो जेल से चुनाव लड़ सकते है। आम आदमी को केस लग जाये तो नोकरी नहीं वाह ! देश स्वतंत्र है।?
अनपढ़ हम पर राज करें ?और हम पढ़ लिखें आज अनपढ़ बन कर देखते रहें फिर भी कहेंगे देश स्वतंत्र है?
कितना भी लिखा दो इनके लिए कम ही कम और आप सब जानते है आपसे छुपा क्या हैं ?
ज्यादा लिखने में फायदा भी कया है।
क्या करें सुबह सुबह लम्बी सुनकर दिमाक झन्ना गया लिखने लगा ...........
चलो छोड़े ये सब
एक फिर आप सभी दोस्तों को पाठको को देशवासियों को कहने के लिए स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
इसी के साथ इजाज़त फिर मिलते हैं ....
सबसे पहले मेरा उन शहीदों को शत शत नमन जिनकी वजह से आज हम ये स्वतंत्रता दिवस मना रहें है।
आज देश 72 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। कहने को तो हम स्वतंत्र है पर क्या सही मायने में हम स्वतंत्र है ? सबसे पहले आतंकवाद ,जाति वाद,धर्म वाद( धर्म गत राजनीति), भ्रष्टाचार,और घोटाले और बच जाये वो लाल किले की उस पवित्र प्राचीर पर खड़े होकर लम्बी लम्बी बकवाद आज की स्वतंत्रता देखकर उन दिवंगत आत्माओं को भी शर्म आ रही होगी कि उन्होंने इस स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण गवायें थे
मन उब गया है ये सब सुनते- सुनते और झेलते- झेलते
इन चार पांच बकवादों के अलावा किसी विषय पर सोच पाया है देश अभी तक शायद नहीं मै किसी पार्टी विशेष की बात नहीं कर रहा हूं सब पार्टियां एक जैसी है
सब के पास अपनी रोटी सेकने के लिए इन पांच चार मुद्दों के अलावा कुछ है ही नहीं !!!
इधर देखों चाहें उधर सब घोटाले इन इन हराम खोर नेताओं के ही क्यों हैं ?
क्योकि ये आज भी आम जनता को गुलाम ही समझते हैं और आपस में हिन्दू मुस्लिम जाट,हरिजन,ब्राह्मण, सिखा आदि का तेल छिड़क कर बहकाते रहते हैं
और जनता के पैसे से ऐसो आराम करते है।
तो क्या हम स्वतंत्र हुए नहीं न क्योंकि गुलाम तो हम आज भी बने हुए हैं पहले अंग्रेजों के थे उनकी ही नीति पर आज इन हराम-खोर नेताओं के बन चुके है।
इसीलिए आज हम और देश सिर्फ कहने मात्र के लिए स्वतंत्र है। बाकि सब इनके हाथ में ये अपने स्वार्थ के लिए जब चाहे कानून को तोड़ मरोड़ देते हैं MLA MP नेता अनपढ़ बन सकता हैं सरपंच के लिए 8 वीं 10 वी पास जरूरी है। वाह देश स्वतंत्र है। कानून हमारे लिए लागू उनके लिए नहीं ?
वो जेल से चुनाव लड़ सकते है। आम आदमी को केस लग जाये तो नोकरी नहीं वाह ! देश स्वतंत्र है।?
अनपढ़ हम पर राज करें ?और हम पढ़ लिखें आज अनपढ़ बन कर देखते रहें फिर भी कहेंगे देश स्वतंत्र है?
कितना भी लिखा दो इनके लिए कम ही कम और आप सब जानते है आपसे छुपा क्या हैं ?
ज्यादा लिखने में फायदा भी कया है।
क्या करें सुबह सुबह लम्बी सुनकर दिमाक झन्ना गया लिखने लगा ...........
चलो छोड़े ये सब
एक फिर आप सभी दोस्तों को पाठको को देशवासियों को कहने के लिए स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
इसी के साथ इजाज़त फिर मिलते हैं ....
आपके पढ़ने लायक यहां भी है।
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