आज हमारी शादी की 10 वी वर्ष गाँठ है।
आज ही दिन 15 जून 2009 को मैं मेरी अर्द्धांगिनी ,जीवन संगिनि श्रीमती अंजू के संग परिणय सूत्र में बंधा। जिंदगी में उमंगों को चार चांद लगे एक पहिये की गाड़ी अब दो पहियों के साथ जिंदगी रूपी पटरी पर चलने लगी और जीवन का सफर तय होने लगा। शादी के बाद जीवन में बहुत से बदलाव आए,जिंदगी को समझने का अवसर मिला फिर 15 अप्रेल 2010 को मेरी जिंदगी में श्रीमती जी ने बेटे के लक्ष्य के रूप में एक अनमोल, अनुपम सौग़ात,भेंट दे दी अर्थात वो माँ बनी और मुझे पापा बनने का सौभाग्य मिला।पापा बनने और माँ बनने का परम सुख और आनंद कितना अच्छा होता है ये सब जानते ही है मेरी जिंदगी बहुत ही खुशहाल हो गई।बेटे लक्ष्य के आते ही दोनों का ध्यान आपस से थोड़ा हट कर बेटे लक्ष्य की तरफ बढ़ने लगा ऐसा अमूमन होता भी है और फिर गाड़ी उसी रफ्तार में चलने लगी । साल पे साल बीतते गए और 3 दिसम्बर 2018 को मेरे दूसरे बेटे पीयूष को जन्म दिया और हम दो हमारे दो का परिवार पूरा हो गया यानी दुपहिया गाड़ी अब चार पहिया हो गई । आज के दिन मेरी माताश्री जिनका आशीर्वाद हमारे साथ है उनके सहित मेरा परिवार 5 सदस्यों का है आज शादी को 10 साल पूरे हुए पत्नी की मानव जीवन मे बहुत बड़ी भूमिका होती है ये किसी से छिपा नही है। मेरी जिंदगी में मेरी धर्मपत्नी का बहुत बड़ा योगदान है।
अंत मे परमपिता परमेश्वर से बस यही प्रार्थना करता हु कि जिस प्रकार इन 10 वर्षों का हँसते खेलते पता नही चला उसी प्रकार से जीवन के आने वाले वर्ष भी आनंदमय निर्विघ्न रूप से माताश्री की छत्र छाया व स्व.पिताश्री के आशीर्वाद से स परिवार कुशल मंगल बीतते जाए।
ओर मेरी अर्धांगिनी का संग मेरे साथ यू ही बना रहे और जीवन रूपी नाव को आगे चलाने के लिए पतवार के रूप में मेरा हमेशा साथ देती रहे।
ओर आप सभी बड़ो का आशीर्वाद तथा छोटो का प्यार हमेशा हमे मिलता रहे ।
आज ही दिन 15 जून 2009 को मैं मेरी अर्द्धांगिनी ,जीवन संगिनि श्रीमती अंजू के संग परिणय सूत्र में बंधा। जिंदगी में उमंगों को चार चांद लगे एक पहिये की गाड़ी अब दो पहियों के साथ जिंदगी रूपी पटरी पर चलने लगी और जीवन का सफर तय होने लगा। शादी के बाद जीवन में बहुत से बदलाव आए,जिंदगी को समझने का अवसर मिला फिर 15 अप्रेल 2010 को मेरी जिंदगी में श्रीमती जी ने बेटे के लक्ष्य के रूप में एक अनमोल, अनुपम सौग़ात,भेंट दे दी अर्थात वो माँ बनी और मुझे पापा बनने का सौभाग्य मिला।पापा बनने और माँ बनने का परम सुख और आनंद कितना अच्छा होता है ये सब जानते ही है मेरी जिंदगी बहुत ही खुशहाल हो गई।बेटे लक्ष्य के आते ही दोनों का ध्यान आपस से थोड़ा हट कर बेटे लक्ष्य की तरफ बढ़ने लगा ऐसा अमूमन होता भी है और फिर गाड़ी उसी रफ्तार में चलने लगी । साल पे साल बीतते गए और 3 दिसम्बर 2018 को मेरे दूसरे बेटे पीयूष को जन्म दिया और हम दो हमारे दो का परिवार पूरा हो गया यानी दुपहिया गाड़ी अब चार पहिया हो गई । आज के दिन मेरी माताश्री जिनका आशीर्वाद हमारे साथ है उनके सहित मेरा परिवार 5 सदस्यों का है आज शादी को 10 साल पूरे हुए पत्नी की मानव जीवन मे बहुत बड़ी भूमिका होती है ये किसी से छिपा नही है। मेरी जिंदगी में मेरी धर्मपत्नी का बहुत बड़ा योगदान है।
अंत मे परमपिता परमेश्वर से बस यही प्रार्थना करता हु कि जिस प्रकार इन 10 वर्षों का हँसते खेलते पता नही चला उसी प्रकार से जीवन के आने वाले वर्ष भी आनंदमय निर्विघ्न रूप से माताश्री की छत्र छाया व स्व.पिताश्री के आशीर्वाद से स परिवार कुशल मंगल बीतते जाए।
ओर मेरी अर्धांगिनी का संग मेरे साथ यू ही बना रहे और जीवन रूपी नाव को आगे चलाने के लिए पतवार के रूप में मेरा हमेशा साथ देती रहे।
ओर आप सभी बड़ो का आशीर्वाद तथा छोटो का प्यार हमेशा हमे मिलता रहे ।
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