सूचना

यह वेब पेज इन्टरनेट एक्सप्लोरर 6 में ठीक से दिखाई नहीं देता है तो इसे मोजिला फायर फॉक्स 3 या IE 7 या उससे ऊपर का वर्जन काम में लेवें

Saturday, June 15, 2019

शादी की सालगिरह आज हुए 10 साल

आज हमारी शादी की 10 वी वर्ष गाँठ है।
आज ही दिन 15 जून 2009 को मैं मेरी अर्द्धांगिनी ,जीवन संगिनि श्रीमती अंजू के संग परिणय सूत्र में बंधा। जिंदगी में उमंगों को चार चांद लगे एक पहिये की गाड़ी अब दो पहियों के साथ जिंदगी रूपी पटरी पर चलने लगी और जीवन का सफर तय होने लगा। शादी के बाद जीवन  में बहुत से बदलाव आए,जिंदगी को समझने का अवसर मिला फिर 15 अप्रेल 2010 को मेरी जिंदगी में श्रीमती जी ने बेटे के लक्ष्य के रूप में एक अनमोल, अनुपम सौग़ात,भेंट दे दी अर्थात वो माँ बनी और मुझे पापा बनने का सौभाग्य मिला।पापा बनने और माँ बनने का परम सुख और आनंद कितना अच्छा होता है ये सब जानते ही है मेरी जिंदगी बहुत ही खुशहाल हो गई।बेटे लक्ष्य के आते ही दोनों का ध्यान आपस से थोड़ा हट कर बेटे लक्ष्य की तरफ बढ़ने लगा ऐसा अमूमन होता भी है और फिर गाड़ी उसी रफ्तार में चलने लगी । साल पे साल बीतते गए और 3 दिसम्बर 2018 को मेरे दूसरे बेटे पीयूष  को जन्म दिया और हम दो हमारे दो का परिवार पूरा हो गया यानी दुपहिया गाड़ी अब चार पहिया हो गई । आज के दिन मेरी माताश्री जिनका आशीर्वाद हमारे साथ है उनके सहित मेरा परिवार 5 सदस्यों का है आज शादी को 10 साल पूरे हुए पत्नी की मानव जीवन मे बहुत बड़ी भूमिका होती है ये किसी से छिपा नही है। मेरी जिंदगी में  मेरी धर्मपत्नी का बहुत बड़ा  योगदान है।
अंत मे परमपिता परमेश्वर से बस यही प्रार्थना करता हु कि जिस प्रकार इन 10 वर्षों का हँसते खेलते पता नही चला उसी प्रकार से जीवन के आने वाले वर्ष भी आनंदमय निर्विघ्न रूप से माताश्री की छत्र छाया व स्व.पिताश्री के आशीर्वाद से स परिवार कुशल मंगल बीतते जाए।
ओर मेरी अर्धांगिनी का संग मेरे साथ यू ही बना रहे और जीवन रूपी नाव को आगे चलाने के लिए पतवार के रूप में मेरा हमेशा साथ देती रहे।
ओर आप सभी बड़ो का आशीर्वाद तथा छोटो का प्यार हमेशा हमे मिलता रहे ।



आपके पढ़ने लायक यहां भी है।  

  सरकार ने तो पहले ही कर दिया,इस साल श्रृष्टि ने भी किया किसानों को निराश,मालीगांव

आपा डोलर में हिडांगां आपा चकरी मैं बैठांगा मेला बगड़,लक्ष्य के इंजॉय के कुछ

 सावन सुरंगी आई तीज तीज की हार्दिक शुभकामनाएं

राजस्थान का मेवा फल सांगरी स्वाद बे मिशाल

राजस्थान का गौरव कल्प वृक्ष कहा जाने वाला वृक्ष खेजड़ी (जांटी) है खतरे में ??

शीतला सप्तमी क्यों मनाई जाती है एक दन्त कथा

लक्ष्य

No comments:

Post a Comment

आपके द्वारा दी गई टिप्पणी हमें लिखने का होसला दिलाती है।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...