दोस्तों फ़ेसबुक ओर व्हाटसएप्प नई ब्लॉगर दुनिया को बहुत हद तक भुलवा सा दिया है काफी समय हो गया ब्लॉगर पर लिखे हुए इसके लिए क्षमा चाहता हु।आगे से लगातार ब्लॉगर पर बने रहने का प्रयास करूंगा
आज बात करते हैं इस दिनों परवान पर चढ़ी सरसों की फ़सल की
गांव मालीगांव में इस समय सरसो, चना,गेहूं जौ आदि की फसल उगाई हुई है। आज जब देखा तो खेत मे खड़ी पीले फूलों से लथपथ सरसों की फसल एक नवयोवना दुल्हन की भांति सजी संवरी बहुत सुंदर लग रही है हमारी फसलें वास्तविक रूप से माने तो धरती का श्रृंगार ही है। धरती माता इन्ही फ़सलो के माध्यम से हर ऋतु के अनुसार अपना अलग अलग श्रंगार करती है और किसान को रोजी रोटी उपलब्ध करवाती है इस प्रकार से लहलहाती फसल को देखकर किसान को बहुत खुशी मिलती है। वास्तव में उसकी मेहनत रंग ला रही होती है इस बार प्रकृति ने भी कुछ हद तक किसान का साथ दिया है समय समय पर हल्की फुल्की बारिश होती रही और सर्दी भी ठीक ठाक ही पड़ी।
आज के लिए सिर्फ इतना ही मिलते ह नई पोस्ट के साथ तब तक के लिए नमस्कार
आपके पढ़ने लायक यहां भी है।
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